केरल में त्योहारी सीजन में छूट और कोविड नियमों का पालन नहीं करने से बढ़ रही संक्रमण दर: विशेषज्ञ
केरल में त्योहारी सीजन में आवाजाही की छूट और कोविड दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किए जाने से संक्रमण दर बढ़ रही है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने रविवार को यह बात कही. साथ ही उन्होंने कहा कि बंदूक की नोंक पर लोगों से नियमों का पालन नहीं कराया जा सकता.
तिरुवनंतपुरम, 22 अगस्त : केरल (Kerala) में त्योहारी सीजन में आवाजाही की छूट और कोविड दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किए जाने से संक्रमण दर बढ़ रही है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने रविवार को यह बात कही. साथ ही उन्होंने कहा कि बंदूक की नोंक पर लोगों से नियमों का पालन नहीं कराया जा सकता. इसके बजाय लोगों को खुद ही अपने व्यवहार में बदलाव लाना चाहिये. डॉक्टर अमर फेटल और डॉक्टर कन्नन जैसे विशेषज्ञों के अनुसार चूंकि त्योहारों का मौसम अभी समाप्त नहीं हुआ है, ऐसे में पाबंदियों में छूट और उत्सव व खरीदारी के लिए बाहर निकलने वाले लोगों द्वारा उपयुक्त व्यवहार नहीं किये जाने से संक्रमण दर में और वृद्धि होने की आशंका है, जो शनिवार को 17.73 प्रतिशत थी. सोलह अगस्त को संक्रमण दर 14.03 प्रतिशत थी, जो 21 अगस्त को तेजी से बढ़कर 17.73 फीसद हो गई.
केरल में शनिवार को संक्रमण के 17,106 नए मामले सामने आए थे, जो देश में सामने आए कुल मामलों के आधे थे. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 21 अगस्त को देशभर में संक्रमण के 34,457 मामले सामने आए. यह पूछे जाने पर कि क्या ऐसा परिदृश्य प्रतिबंधों में ढील के कारण सामने आया है तो विशेषज्ञों ने कहा कि छूट आवश्यक थी क्योंकि पिछले साल मार्च से लोग घरों में थे. साथ ही उन्हें वित्तीय परेशानियों का भी सामना करना पड़ा रहा था. केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने 19 अगस्त को कहा था कि अधिक जांच किए जाने के कारण राज्य में संक्रमण दर अधिक है.उन्होंने कहा था, ''जीवन और आजीविका महत्वपूर्ण हैं, आत्मरक्षा भी महत्वपूर्ण है.'' यह भी पढ़ें : COVID-19 Update: भारत में 30,948 नए कोविड मामले दर्ज किए गए, एक दिन में 403 मौतें
डॉ फेटल ने कहा, ''आप लोगों से बंदूक की नोंक पर दिशानिर्देशों का पालन नहीं करा सकते . उन्हें खुद अपने व्यवहार में बदलाव लाना चाहिये.'' डॉक्टर कन्नन ने भी इस विचार से सहमति जतायी. उन्होंने कहा कि जब पुलिस अधिकारी त्योहारों के मौसम में दुकानों में कोविड मानदंडों के उल्लंघन पर कार्रवाई करते हैं, तो उन्हें दुकान मालिकों या जनता से प्रतिक्रिया मिलती है कि वे कानूनी परिणामों का सामना करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि यह रवैया ठीक नहीं है और लोगों को अपने व्यवहार में बदलाव लाना चाहिये.