मुंबई, 13 जनवरी : महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जनवरी के अंत या फरवरी के पहले सप्ताह में राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की संख्या में तेजी आने की आशंका है. मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि बुधवार को एक प्रस्तुति के दौरान स्वास्थ्य विभाग द्वारा यह अनुमान जताए जाने के बाद राज्य मंत्रिमंडल ने इस पर चिंता व्यक्त की. स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि राज्य में चिकित्सीय ऑक्सीजन की दैनिक आवश्यकता में वृद्धि देखी गई है और वर्तमान मांग 400 मीट्रिक टन है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बैठक के दौरान कहा, ‘‘अगर ऑक्सीजन की मांग 700 मीट्रिक टन तक बढ़ जाती है, तो सख्त प्रतिबंधों की आवश्यकता होगी. इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन को टीकाकरण में तेजी लानी चाहिए और आवश्यक कदम उठाने चाहिए.’’
उन्होंने कहा कि शहरी इलाकों के साथ-साथ राज्य के ग्रामीण हिस्से भी कोविड-19 से प्रभावित हैं. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘पूर्ण टीकाकरण वाले कोविड-19 रोगियों को चिकित्सकीय ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं होती है. लेकिन, लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देशों में भी स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे पर दबाव बढ़ा है.’’ राज्य में बुधवार को कोविड-19 के 46,723 मामले आए और 32 लोगों की संक्रमण से मौत हुई. नए मामलों में 86 मरीज ओमीक्रोन से संक्रमित हैं. यह भी पढ़ें : COVID-19: लखनऊ आईईटी में 40 छात्र पाए गए पॉजिटिव, परीक्षा स्थगित
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बुधवार को आगाह किया कि पिछले कुछ दिनों में दैनिक कोविड-19 मामलों की संख्या में कमी आने के बावजूद राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमण का ग्राफ नीचे नहीं आ रहा है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि यह अच्छी बात है कि 2.25 लाख उपचाराधीन मामलों में से केवल 14 प्रतिशत मरीज ही अस्पताल में भर्ती हैं. टोपे ने कहा कि उन्हें जनवरी के अंत तक या फरवरी की शुरुआत तक स्थिति स्थिर होने की उम्मीद नहीं है और उन्होंने टीका नहीं लेने वाले लोगों से टीकाकरण कराने तथा सभी से मास्क पहनने जैसे कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करने का आग्रह किया है.