जरुरी जानकारी | औद्योगिक उत्पादन वृद्धि धीमी पड़कर 3.8 प्रतिशत, खुदरा मुद्रास्फीति 5.09 प्रतिशत पर स्थिर
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नयी दिल्ली, 12 मार्च अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर स्थिति मंगलवार को मिली-जुली रही। एक तरफ जहां विनिर्माण, खनन और बिजली क्षेत्रों के खराब प्रदर्शन की वजह से देश की औद्योगिक उत्पादन वृद्धि इस साल जनवरी में धीमी पड़कर 3.8 प्रतिशत रही, वहीं खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी में मामूली घटकर चार महीने के निचले स्तर 5.09 प्रतिशत पर आ गई।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के बयान के अनुसार, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के संदर्भ में मापा जाने वाले औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि जनवरी, 2023 में 5.8 प्रतिशत रही थी। जबकि दिसंबर, 2023 में यह 4.2 प्रतिशत और नवंबर में 2.4 प्रतिशत थी।
मंत्रालय ने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े भी जारी किये और यह फरवरी में मामूली घटकर चार महीने के निचले स्तर 5.09 प्रतिशत पर आ गई। इसके साथ, यह लगातार छठे महीने भारतीय रिजर्व बैंक के दो से छह प्रतिशत के संतोषजनक दायरे में है।
यह जनवरी, 2024 में 5.1 प्रतिशत और फरवरी, 2023 में 6.44 प्रतिशत थी। इससे पहले, अक्टूबर, 2023 में यह निचले स्तर 4.87 प्रतिशत थी।
भारतीय रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है।
केंद्रीय बैंक ने पिछले महीने मौद्रिक नीति समीक्षा में मुद्रास्फीति के 2023-24 में 5.4 प्रतिशत और जनवरी-मार्च तिमाही में 5.0 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के मुताबिक, खाद्य वस्तुओं की महंगाई फरवरी में 8.66 प्रतिशत रही जो इससे पिछले महीने 8.3 प्रतिशत से मामूली अधिक है।
मासिक आधार पर सब्जियों, फल, तेल और वसा, दाल तथा उसके उत्पादों की महंगाई में मामूली कमी आई। हालांकि, अनाज और उसके उत्पाद, मांस और मछली तथा दूध एवं उसके उत्पाद खंड में कीमत वृद्धि की दर ऊंची रही।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में खाद्य वस्तुओं की हिस्सेदारी करीब 50 प्रतिशत है।
औद्योगिक उत्पादन पर जारी आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के पहले 10 माह यानी जनवरी तक औद्योगिक उत्पादन वृद्धि 5.9 प्रतिशत रही है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में औद्योगिक उत्पादन 5.5 प्रतिशत बढ़ा था।
विनिर्माण क्षेत्र की उत्पादन वृद्धि जनवरी में घटकर 3.2 प्रतिशत रह गई जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 4.5 प्रतिशत थी।
बिजली क्षेत्र का उत्पादन भी जनवरी में धीमी पड़कर 5.6 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ा। एक साल पहले इसी माह में बिजली क्षेत्र का उत्पादन 12.7 प्रतिशत बढ़ा था।
समीक्षाधीन महीने में खनन उत्पादन वृद्धि भी साल भर पहले के नौ प्रतिशत के मुकाबले घटकर 5.9 प्रतिशत रह गई।
उपयोग पर आधारित वर्गीकरण के मुताबिक, जनवरी माह में पूंजीगत उत्पाद खंड की वृद्धि घटकर 4.1 प्रतिशत रह गई, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 10.5 प्रतिशत रही थी।
इस साल जनवरी में टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं का उत्पादन 10.9 प्रतिशत बढ़ा जबकि एक साल पहले की समान अवधि में इसमें 8.2 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
गैर-टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं का उत्पादन आलोच्य अवधि में 0.3 प्रतिशत घट गया जबकि जनवरी, 2023 में इसमें 6.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
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