नयी दिल्ली, 19 नवंबर चार औद्योगिक गलियारों... अमृतसर-कोलकाता, चेन्नई-बेंगलुरु, पूर्वी तट आर्थिक गलियारा और बेंगलुरु-मुंबई ने भारत को दुनिया में एक वैश्विक विनिर्माण शक्ति बनने में मदद की है।
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) इन नये औद्योगिक गलियारों... अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारा, चेन्नई-बेंगलुरु औद्योगिक गलियारा, पूर्वी तट आर्थिक गलियारा और बेंगलुरु-मुंबई औद्योगिक गलियारा की आठवीं वर्षगांठ मना रहा है।
डीपीआईआईटी ने कहा, ‘‘इन गलियारों की स्थापना भारत के औद्योगिक परिदृश्य को बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।’’
देश के प्रमुख क्षेत्रों में फैले प्रत्येक गलियारे को रणनीतिक रूप से उद्योग और बुनियादी ढांचे को एकीकृत करने, विश्वस्तरीय संपर्क सुविधा स्थापित करने के लिए तैयार किया गया है। ये गलियारे तेजी से औद्योगीकरण का समर्थन करते हैं।
इसमें कहा गया है, ‘‘उच्च गति के रेल नेटवर्क, आधुनिक बंदरगाह, अलग से लॉजिस्टिक केंद्र और अत्याधुनिक हवाई अड्डों के साथ, ये गलियारे बुनियादी ढांचे के विकास में नए मानक स्थापित कर रहे हैं।’’
मंत्रिमंडल ने 28 अगस्त को 28,602 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश के साथ राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (एनआईसीडीपी) के तहत 12 नए परियोजना प्रस्तावों को मंजूरी दी।
विभाग ने कहा, ‘‘ये औद्योगिक स्मार्ट शहर, भारत के आर्थिक विकास में रत्नों की तरह हैं। ये अगली पीढ़ी के ‘कनेक्टेड’, आत्मनिर्भर केंद्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं जो स्थानीय समुदायों का समर्थन करेंगे और भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा को बढ़ाएंगे।’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)