नयी दिल्ली, 10 मार्च : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने शुक्रवार को कहा कि भारत ने कोविड-19 से निपटने के तहत अपनी विशाल आबादी का टीकाकरण करने के लिए डिजिटल संसाधनों का इस्तेमाल किया. साथ ही, देश में सफलतापूर्वक महामारी को नियंत्रित करने के अलावा अन्य राष्ट्रों को भी मदद का हाथ बढ़ाया, जो विश्व के लिए एक उदाहरण है. धनखड़ ने यहां स्वास्थ्य आकलन पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी 2023 का उद्घाटन करते हुए कहा, ‘‘कोविड से निपटने के लिए अपनाया गया भारत तरीका अब संदेह से परे है. अपनी दो विदेश यात्राओं पर मैंने यह जिक्र किया कि भारत कोविड का सामना कर रहा था लेकिन टीकाकरण के जरिये यह इससे निपटने में सफल रहा.’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत (कोविड के टीके की) 220 करोड़ खुराक लोगों को दे सका और कंप्यूटर के जरिये डेटा का संकलन किया गया.’’ उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं की वहनीयता बहुत महत्वपूर्ण पहलू है. उन्होंने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयुष्मान भारत योजना शुरू की तथा विश्व की सबसे बड़ी एवं सर्वाधिक पारदर्शी और जवाबदेह प्रणाली देश के 140 करोड़ लोगों को लाभान्वित कर रही है. उपराष्ट्रपति ने कहा कि देश में 1.5 लाख स्वास्थ्य एवं तंदुरूस्ती केंद्र खोले गये हैं, जो उद्यमियों के लिए काफी अवसर सृजित कर रहे हैं तथा आर्थिक वृद्धि के लिए यह निर्णायक साबित हो रहे हैं. यह भी पढ़ें : आबकारी नीति के फैसले केजरीवाल की जानकारी में हुए : कांग्रेस
उन्होंने 33.8 करोड़ आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते खोले जाने का जिक्र किया और कहा कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के 50 करोड़ लाभार्थी हैं.उन्होंने कहा कि कैंसर एक जानलेवा रोग है और वहनीय कीमतों पर इसकी दवा उपलब्ध कराकर इस क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया गया है. उन्होंने कहा, ‘‘भारत विश्व में एक ऐसा उदाहरण है, जहां हमने लोगों को उपलब्ध प्रभावकारी सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किया है.