जरुरी जानकारी | उच्च घरेलू उत्पादन के कारण भारत का सोयाबीन, सोयाबीन खली आयात 2022-23 में घटेगा
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. चालू तेल वर्ष 2022-23 (अक्टूबर-सितंबर) में भारत का सोयाबीन दाने (तिलहन) का आयात 9.90 प्रतिशत घटकर पांच लाख टन रहने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष में 5.55 लाख टन था। आयात में गिरावट आने का कारण घरेलू स्तर पर अधिक आपूर्ति का होना है। उद्योग निकाय सोपा ने सोमवार को यह जानकारी दी।
नयी दिल्ली, 12 जून चालू तेल वर्ष 2022-23 (अक्टूबर-सितंबर) में भारत का सोयाबीन दाने (तिलहन) का आयात 9.90 प्रतिशत घटकर पांच लाख टन रहने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष में 5.55 लाख टन था। आयात में गिरावट आने का कारण घरेलू स्तर पर अधिक आपूर्ति का होना है। उद्योग निकाय सोपा ने सोमवार को यह जानकारी दी।
इसी तरह सोयाबीन मील (मुर्गी दाना) का आयात भी उक्त अवधि में पहले के 6.45 लाख टन से घटकर 4,000 टन रहने की उम्मीद है।
तेल वर्ष अक्टूबर से सितंबर तक चलता है।
भारतीय सोयाबीन प्रसंस्करण संघ (सोपा) ने अपना अनुमान जारी करते हुए कहा कि तेल वर्ष 2022-23 के दौरान घरेलू उत्पादन 124.11 लाख टन रहने का अनुमान है, जबकि पिछले साल यह 118.89 लाख टन हुआ था।
उक्त अवधि में 1.83 लाख टन की तुलना में पहले का बचा (कैरी ओवर) स्टॉक अधिक यानी 25.15 लाख टन रहने का अनुमान है।
नतीजतन, इस साल सोयाबीन और सोयाबीन मील (डीओसी या डीआयल्ड केक) का कुल आयात कम रहने का अनुमान है।
हालांकि, सोयाबीन मील (डीओसी) का निर्यात पिछले वर्ष के 6.44 लाख टन से बढ़कर वर्ष 2022-23 में 17 लाख टन होने की संभावना है। तेल वर्ष 2022-23 की अक्टूबर-मई अवधि के दौरान पहले ही 14.53 लाख टन निर्यात किया जा चुका है।
एक जून को व्यापारियों और किसानों के पास सोयाबीन का 59.58 लाख टन का स्टॉक था।
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