दुबई, 26 सितंबर आंध्र प्रदेश का रहने वाला बासकरी राघवलू 14 साल बाद संयुक्त अरब अमीरात से 5,11,200 दिरहम (1,39,177 डॉलर) से अधिक के जुर्माने की छूट मिलने के बाद घर लौट सकेगा। एक खबर में यह जानकारी दी गयी है।
गल्फ न्यूज की शुक्रवार को प्रकाशित खबर के अनुसार, राघवलू को वकील और सामाजिक कार्यकर्ता शीला थॉमस से मदद मिली जिन्होंने उसकी घर वापसी के लिए टिकट का बंदोबस्त भी किया।
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थॉमस के हवाले से खबर में बताया गया, ‘‘वह रहने के लिए संघर्ष कर रहा था। वह कुछ अन्य कामगारों के रहम पर रह रहा था। वह घर लौटना चाहता था और जिंदगी में पहली बार अपनी बेटी को देखना चाहता था। तब मैंने इस मामले को लिया।’’
उन्होंने कहा कि राघवलू के अधिक समय तक ठहरने के जुर्माने को भर दिया गया है और वह लौटने को तैयार है।
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राघवलू (41) 2006 में संयुक्त अरब अमीरात आया था और अपनी कंपनी की गाड़ी में जाते समय एक सड़क हादसे में घायल हो गया था।
खबर के अनुसार, उसने कंपनी से मुआवजा पाने की कोशिश की जहां वह एक वकील के जरिये काम करता था। उस वकील ने उसका पासपोर्ट भी ले लिया था।
राघवलू ने बताया कि उसने खुद के लिए और घर में अपने परिवार के गुजारे के लिए अनेक तरह की नौकरियां और काम किये।
अखबार के अनुसार, यूएई सरकार के एक रियायत कार्यक्रम के दौरान उसे देश छोड़ने के लिए अनुमति मिल भी गयी थी लेकिन उसके पास हवाई यात्रा के लिए पैसा नहीं था।
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