देश की खबरें | भारतीय खिलाड़ियों को ओलंपिक में कोई परेशानी और ‘लॉजिस्टिकल’ चुनौती नहीं मिलेगी : आईओए
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने गुरुवार को बीते अनुभव से सीख लेने का दावा किया और कहा कि आगामी पेरिस ओलंपिक के लिए खिलाड़ियों की सुविधा का ध्यान रखते हुए कई व्यवस्थायें की गई है ताकि उन्हें बड़े टूर्नामेंट के दौरान ‘लॉजिस्टिक’ चुनौतियों का सामना नहीं करना पड़े।
नयी दिल्ली, 18 जनवरी भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने गुरुवार को बीते अनुभव से सीख लेने का दावा किया और कहा कि आगामी पेरिस ओलंपिक के लिए खिलाड़ियों की सुविधा का ध्यान रखते हुए कई व्यवस्थायें की गई है ताकि उन्हें बड़े टूर्नामेंट के दौरान ‘लॉजिस्टिक’ चुनौतियों का सामना नहीं करना पड़े।
इन उपायों में खिलाड़ियों विशेषकर गोल्फरों की रहने की व्यवस्था शामिल हैं जिन्हें प्रतिस्पर्धा स्थल के करीब ठहराया जाये। इनमें खेल गांव में भारतीय खिलाड़ियों की जरूरत के हिसाब से ‘रिहैब’ उपकरण लगाना और पेरिस जाने वाले खिलाड़ियों को मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए विशेषज्ञों को रखना भी शामिल है।
आईओए ने एक बयान में कहा, ‘‘पिछले अनुभवों से सीखते हुए और खिलाड़ियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए आईओए रणनीतिक उपाय लागू कर रहा है ताकि सुनिश्चित हो सके कि खिलाड़ी इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट के दौरान अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकें। ’’
अभी तक 17 निशानेबाजों सहित 49 खिलाड़ियों और पुरुष हॉकी टीम ने जुलाई-अगस्त में होने वाले पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया है। आगामी महीनों में यह संख्या बढ़ेगी और तोक्यो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन के बाद उम्मीदें भी काफी ज्यादा होंगी। भारत ने तोक्यो ओलंपिक में भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा के एथलेटिक्स में पहले स्वर्ण पदक सहित सात पदक जीते थे।
आईओए ने कहा कि गोल्फरों को कोर्स तक पहुंचने के लिए ज्यादा दूर तक यात्रा करने की जरूरत नहीं होगी क्योंकि तोक्यो में गोल्फ कोर्स से खेल गांव की दूरी 75 किमी थी। अदिति अशोक पदक से चूक गयी थीं और चौथे स्थान पर रही थीं। उन्होंने अपने अभियान के दौरान इसे बड़ी चुनौतियों में शामिल किया था।
आईओए ने कहा, ‘‘तोक्यो 2020 ओलंपिक के विपरीत भारतीय गोल्फ टीम को गोल्फ स्थल के करीब के होटल में ठहराया जायेगा। ’’
आईओए ने कहा कि ऐसा रोज की यात्रा के तनाव को कम करने के लिए किया जायेगा ताकि खिलाड़ियों का ध्यान सिर्फ अपने खेल पर लगे।
इसके अनुसार, ‘‘इन कदमों का उद्देश्य खिलाड़ियों की शारीरिक और मानसिक क्षमता को बढ़ाना है ताकि सुनिश्चित हो कि वे शीर्ष स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए अच्छी स्थिति में हों। ’’
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