विदेश की खबरें | भारतीय मूल के ‘ऑटिस्टिक’ किशोर ने एआई आधारित आविष्कार के लिए ‘अमेरिकी पेटेंट’ का अनुरोध किया
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

दुबई, 11 जून ‘ऑटिज्म’ से पीड़ित भारतीय मूल के एक किशोर ने ऐसे आविष्कार को लेकर अमेरिकी ‘पेटेंट’ के लिए सह-आवेदन किया है, जिसे तंत्रिका-विविधता वाली एवं वंचित आबादी की जरूरतों को पूरा करने के मकसद से बनाया गया है और साथ ही यह सामान्य लोगों के लिए भी उपयोगी है।

‘ऑटिज्म’ एक ऐसा विकासात्मक विकार है जो बच्चे के व्यवहार को प्रभावित करता है।

दुबई में रहने वाले 15 वर्षीय ‘इनलाइन स्केटिंग चैंपियन’ जेन और उनके पिता मेर्जी सोडावाटरवाला ने हाल में ‘यूनाइटेड स्टेट्स पेटेंट्स एंड ट्रेडमार्क ऑफिस’ (यूएसपीटीओ) में एक आविष्कार के लिए पेटेंट का आवेदन दाखिल किया। यह आवेदन ऐसे आविष्कार के लिए किया गया जो कृत्रिम मेधा (एआई) का अच्छे उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करते हुए इस बात की पुन: कल्पना करता है कि लोग शारीरिक, संज्ञानात्मक और भावनात्मक आयामों में कैसे आगे बढ़ते हैं, सीखते हैं और विकास करते हैं।

सोडावाटरवाला ने कहा, ‘‘यह एकीकृत नवोन्मेष प्रौद्योगिकी मदद से गतिशीलता, बहु-संवेदी अनुकूल प्रशिक्षण, ‘रिजनरेटिव वेरिएबल्स’ (ऐसे पहनने योग्य उपकरण जो ऊतक पुनर्जनन को प्रोत्साहित करने और उपचार में मदद के लिए तैयार किए गए हैं), ‘इमर्सिव’ प्रौद्योगिकी और स्थिरता-प्रथम डिजाइन को एकीकृत करता है।’’

‘इमर्सिव’ प्रौद्योगिकी ऐसी प्रौद्योगिकी होती है जिनका इस्तेमाल करने वाले लोगों को लगता है कि वे स्वयं आभासी वातावरण का हिस्सा है और उन्हें आभासी या नकली वातावरण वास्तविक प्रतीत होने लगता है।

सोडावाटरवाला ने ‘पीटीआई’ से कहा, ‘‘यह केवल नवोन्मेष नहीं है बल्कि यह एक न्यायसंगत, जुड़े हुए और लचीले विश्व के लिए आगामी पीढ़ियों की खातिर एक खाका है। इस आविष्कार का इस्तेमाल शिक्षा, स्वास्थ्य, ‘स्मार्ट’ शहरों, जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए उठाए जाने वाले कदमों और सामाजिक नवोन्मेष में किया जा सकता है।’’

सोडावाटरवाला परिवार संयुक्त अरब अमीरात में ‘गोल्डन वीजा’ धारक उद्यमी है और प्रौद्योगिकी में अग्रणी है।

जेन ने पांच मार्च को दुबई के ‘अल कुद्रा ट्रैक’ में 10 किलोमीटर की दूरी 40 मिनट चार सेकंड में पूरा कर ‘इनलाइन स्केटिंग’ में ‘गिनीज विश्व रिकॉर्ड’ तोड़ा। वह ‘ऑटिज्म’ से पीड़ित दुनिया का पहले ऐसा व्यक्ति है जिसने यह उपलब्धि हासिल की है। वह विश्व इतिहास में 14 साल की उम्र में यह उपलब्धि प्राप्त करने वाला दुनिया का सबसे कम उम्र का व्यक्ति है।

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