जरुरी जानकारी | भारतीय अर्थव्यवस्था के 2020-21 में चार प्रतिशत संकुचित होने का अनुमान : एडीबी
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था चार प्रतिशत संकुचित होने का अनुमान है। कोरोना वायरस महामारी की वजह से देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ा है। इतना ही नहीं एडीबी का अनुमान है कि ‘विकासशील एशिया’ का हिस्सा रहे देश 2020 में ‘बड़ी मुश्किल से वृद्धि’ कर पाएंगे।
नयी दिल्ली, 18 जून एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था चार प्रतिशत संकुचित होने का अनुमान है। कोरोना वायरस महामारी की वजह से देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ा है। इतना ही नहीं एडीबी का अनुमान है कि ‘विकासशील एशिया’ का हिस्सा रहे देश 2020 में ‘बड़ी मुश्किल से वृद्धि’ कर पाएंगे।
इस बहुपक्षीय वित्तीय संगठन ने अपनी रिपोर्ट एशियाई विकास परिदृश्य में कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए अपनाए गए उपायों से आर्थिक गतिविधियों को नुकसान होने और निर्यात मांग कमजोर पड़ने की संभावना है।
यह भी पढ़े | चीन पर राम माधव बोले-सीमा पर सतर्कता और शक्ति से पहरा देना हमारी पहली प्राथमिकता.
‘विकासशील एशिया’ से आशय एडीबी के 40 से अधिक सदस्य देशों के समूह से है।
रपट में कहा गया है कि हांगकांग, कोरिया गणराज्य, सिंगापुर और ताइपेई जैसी नयी औद्योगिक अर्थव्यवस्था को छोड़कर ‘विकासशील एशिया’ के चालू वर्ष में 0.4 प्रतिशत की दर से और 2021 में 6.6 प्रतिशत की दर से वृद्धि करने का अनुमान है।
यह भी पढ़े | 7th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों को कोरोना संकट से हुआ बड़ा नुकसान, डीए-डीआर पर बढ़ी चिंता.
कोविड-19 ने दक्षिण एशिया को बुरी तरह प्रभावित किया है। वर्ष 2020 में इसके तीन प्रतिशत संकुचित होने का अनुमान है। जबकि अप्रैल में इस क्षेत्र में 4.1 प्रतिशत संकुचन का अनुमान था।
एडीबी ने 2021 के लिए दक्षिण एशिया वृद्धि के अनुमान को 6 प्रतिशत से घटाकर 4.9 प्रतिशत कर दिया है।
रपट के अनुसार, ‘‘ भारतीय अर्थव्यवस्था के 31 मार्च 2021 को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष में चार प्रतिशत संकुचित होने का अनुमान है। जबकि 2021-22 में देश की अर्थव्यवस्था के पांच प्रतिशत की दर से वृद्धि करने की संभावना है।’’
एडीबी के मुख्य अर्थशास्त्री यासुयुकी सवादा ने कहा कि एशिया और प्रशांत क्षेत्र की अर्थव्यवस्थाओं पर इस साल कोविड-19 का असर बना रहेगा। भले ही लॉकडाउन में धीरे-धीरे राहत दी जाए और चुनिंदा कारोबारी गतिविधियों को नए हालातों में दोबारा शुरू किया जाए।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)