कोलंबो, दो जनवरी श्रीलंका के उत्तरी प्रांत में कराईनगर ‘बोटयार्ड’ (वह स्थान, जहां नाव खड़ी की जाती है) को विकसित करने के लिए भारत 29 करोड़ श्रीलंकाई रुपये की आर्थिक मदद देगा। भारतीय उच्चायोग ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
इस परियोजना में वित्त, योजना और आर्थिक विकास मंत्रालय के अंतर्गत निगमित तथा मत्स्य पालन, जलीय और महासागर संसाधन मंत्रालय के अंतर्गत संचालित सी-नोर फाउंडेशन लिमिटेड के कराईनगर ‘बोटयार्ड’ के पुनर्वास की परिकल्पना की गई है।
भारतीय उच्चायोग ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘16 दिसंबर को श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त संतोष झा और भारत में श्रीलंका के तत्कालीन उच्चायुक्त क्षेनुका धीरेनी सेनेविरत्ने द्वारा इस संबंध में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए और उनका आदान-प्रदान किया गया। ’’
इस परियोजना में संयंत्र,उपकरण, सामग्री, सेवाओं आदि की स्थापना सहित निर्माण कार्य और खरीद शामिल होगी।
विज्ञप्ति के मुताबिक, पूर्ण रूप से चालू हो जाने पर पुनर्निर्मित ‘बोटयार्ड’ स्थानीय मछुआरों के लिए आजीविका के अवसरों में वृद्धि करेगा, ‘बोटयार्ड’ के आसपास छोटे प्रतिष्ठानों के माध्यम से क्षेत्र में रोजगार के अधिक मौके पैदा करेगा और गुणवत्ता वाले मत्स्य उत्पादों की आपूर्ति बढ़ाने में मददगार साबित होगा।
भारतीय उच्चायोग ने कहा कि श्रीलंका के साथ पांच अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक के विकास सहयोग के साथ, भारत ने श्रीलंका के लगभग सभी प्रमुख क्षेत्रों में जन-केंद्रित विकास सहायता पहल की है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)