भारत पर भारी पड़ा COVID-19 का मामला, तीन मुक्केबाज फाइनल से हटे
राष्ट्रमंडल खेल/Commonwealth Games (Photo: IANS)

नई दिल्ली, 7 मार्च: भारत के एक खिलाड़ी के कोविड-19 के लिये पॉजीटिव पाये जाने के कारण उसके तीन मुक्केबाजों को स्पेन के कैस्टेलियोन में चल रहे 35वें बोक्साम इंटरनेशनल टूर्नामेंट के फाइनल से हटना पड़ा. महाराष्ट्र सहित कुल छह राज्यो में सबसे अधिक कोरोना वायरस के संक्रमण मामले सामने आये है : भारत सरकार

ओलंपिक के लिये क्वालीफाई कर चुके आशीष कुमार (75 किग्रा) का वायरस के लिये परीक्षण पॉजीटिव आया है और इस कारण उनके साथ एक कमरे में रह रहे मोहम्मद हुसामुद्दीन (57 किग्रा) और सुमित सांगवान (81 किग्रा) को भी रविवार की रात को होने वाले फाइनल मुकाबलों से हटना पड़ा.

इन तीनों का स्वर्ण पदक पक्का माना जा रहा था लेकिन उन्हें इन विपरीत परिस्थितियों के कारण रजत पदक से संतोष करना पड़ा. भारतीय मुक्केबाजी के हाई परफोरमेन्स निदेशक सैंटियागो नीवा ने कैस्टलियोन से पीटीआई से कहा, ‘‘जिस प्रतियोगिता की शुरुआत शानदार रही उसका अंत निराशाजनक रहा. ’’

आशीष में बीमारी के कोई लक्षण नहीं हैं और वह स्वस्थ हैं. वह भारत लौटने से पहले कैस्टालियोन में दो सप्ताह तक पृथकवास पर रहेंगे.

हुसामुद्दीन और सुमित का परीक्षण नेगेटिव आया है और वे टीम के साथ सोमवार को स्वदेश लौट जाएंगे.

सतीश कुमार (91 किग्रा से अधिक) भी बीमार होने के कारण फाइनल में भाग नहीं ले पाएंगे. इस तरह से मनीष कौशिक (65 किग्रा) भारत की तरफ से स्वर्ण पदक जीतने वाले एकमात्र मुक्केबाज रहे. उन्होंने फाइनल में डेनमार्क के निकोलेई टेरटेरयान को हराया. मनीष ने इस तरह से घुटने की चोट से उबरकर शानदार वापसी भी की.

महिलाओं में सिमरनजीत कौर (60 किग्रा) को भी फाइनल से हटना पड़ा क्योंकि सेमीफाइनल की उनकी प्रतिद्वंद्वी प्यूर्टोरिको की किरिया टापिया का परीक्षण पॉजीटिव पाया गया था. भारतीय खिलाड़ी का परीक्षण हालांकि नेगेटिव आया था.

भारतीय महिला मुक्केबाजी के हाई परफोरमेन्स निदेशक राफेल बरगामस्को ने कहा, ‘‘स्थानीय सरकार के नियमों के अनुसार वह प्रतिस्पर्धा में भाग नहीं ले सकती.’’

विकास कृष्णन (69 किग्रा) एक अन्य फाइनल में स्पेन के योउबा सिसोखो से हार गये. महिला वर्ग में पूजा रानी (75 किग्रा) और जैसमीन (57 किग्रा) को भी रजत पदक से संतोष करना पड़ा.

भारत ने इस तरह से इस प्रतियोगिता में एक स्वर्ण, आठ रजत और एक कांस्य पदक जीता. छह बार की विश्व चैंपियन एम सी मैरीकोम को कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा.