नयी दिल्ली, 28 अक्टूबर कृषि रसायन उद्योग निकाय - क्रॉपलाइफ इंडिया ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार को आगामी बजट में कृषि रसायनों - ‘टेक्निकल’ और ‘फॉर्मूलेशन’ दोनों के लिए 10 प्रतिशत का एक समान बुनियादी सीमा शुल्क बनाए रखना चाहिए। साथ ही उनपर जीएसटी को कम करते हुए इसे 12 प्रतिशत करना चाहिए।
क्रॉपलाइफ इंडिया ने एक बयान के जरिये, कृषि रसायन कंपनियों द्वारा अनुसंधान और विकास खर्च पर 200 प्रतिशत भारंश कटौती की भी मांग की।
क्रॉपलाइफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, ए सेन ने कहा आयात निर्यात के संदर्भ में दोहरी नीति नहीं होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि हम केंद्र सरकार से इस क्षेत्र की वास्तविक क्षमता संभावनाओं को हासिल करने के लिए विज्ञान आधारित, प्रगतिशील और अनुमानयोग्य नियामक व्यवस्था लागू करने का आग्रह करते हैं।’’
उद्योग संगठन ने सुझाव दिया, ‘‘टेक्निकल कच्चे माल और फॉर्मूलेशन (तैयार उत्पाद) दोनों के लिए 10 प्रतिशत की एक समान बुनियादी सीमा शुल्क होना चाहिये।’’
उसने कहा गया है कि बुनियादी सीमा शुल्क को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने से अंतिम मूल्य निर्धारण पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा और भारत में छोटे किसान समुदाय के सामर्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
उसने कहा है, ‘‘भारत में छोटे किसानों के लिए अधिकांश लागत वस्तुओं पर शून्य शुल्क है, उदाहरण के लिए बीज आदि। इसलिए, सीमा शुल्क में वृद्धि छोटे जोत वाले किसानों को प्रभावित करेगी और उनके लिए ऐसी कठिन स्थिति में टिकना मुश्किल होगा।’’
क्रॉपलाइफ इंडिया ने यह भी उल्लेख किया कि यदि फॉर्मूलेशन के आयात पर कोई प्रतिबंध लगाया जाता है, तो देश, भारतीय किसानों के हित के लिए सुरक्षित और नए फॉर्मूलेशन से वंचित हो जाएगा।
उद्योग निकाय ने सरकार को कृषि-रसायनों पर जीएसटी दर को मौजूदा 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत करने का सुझाव दिया।
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