जरुरी जानकारी | आपूर्ति के कुछ मामलों में खरीद बिल ‘अपलोड’ न होने पर भी ‘इनपुट टैक्स क्रेडिट’ जारी होगा: सीबीआईसी

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने कहा है कि आयात और रिवर्स चार्ज व्यवस्था के दायरे में आने वाली घरेलू आपूर्ति के मामलों में संचित इ टैक्स क्रेडिट का निपटान क्षेत्रीय कार्यालय कर सकते हैं, भले ही यह खरीद रिटर्न को दिखाने वाला फार्म जीएसटीआर-2ए में नहीं दिखाया गया हो।

नयी दिल्ली, 11 जून केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने कहा है कि आयात और रिवर्स चार्ज व्यवस्था के दायरे में आने वाली घरेलू आपूर्ति के मामलों में संचित इ टैक्स क्रेडिट का निपटान क्षेत्रीय कार्यालय कर सकते हैं, भले ही यह खरीद रिटर्न को दिखाने वाला फार्म जीएसटीआर-2ए में नहीं दिखाया गया हो।

जीएसटी व्यवस्था में ‘रिवर्स चार्ज’ से आशय कर स्वयं पर लगा कर उसको सरकारों के लेखा में डालने का दायित्व वस्तु और सेवाओं की आपूर्ति प्राप्त करने वालों का होता है।

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सीबीआईसी ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि उसे उन बिलों के संदर्भ में संचित आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) को लेकर स्पष्टीकरण के लिए कई पत्र मिले थे जिसमें आवेदनकर्ता के फार्म जीएसटी-2ए में ब्योरा प्रतिबिंबित नहीं है।

जीएसटीआर-2ए खरीद रिटर्न है जो जीएसट प्रणाली से स्वत: सृजित होता है। यह कारोबार और उसके आपूर्तिकर्ता के बीच सौदे पर आधारित होता है।

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सीबीआईसी ने मार्च में कहा था कि संचित आईटीसी रिफंड केवल उन बिलों तक सीमित होगा जिसका ब्योरा आपूर्तिकर्ता द्वारा फार्मा जीएसटीआर-1 में ‘अपलोड’ किया गया हो और जो जीएसटीआर-2ए में दिखार्द दे।

इससे पहले, जीएसटी-2ए में प्रतिबिंबित नहीं होने पर भी रिफंड की मंजूरी दी जाती थी।

बोर्ड ने बुधवार को जारी स्पष्टीकरण में कहा कि उसे कुछ मामलों में पत्र मिले थे जिसमें कहा गया था कि कर वापसी की मंजूरी से जुड़े प्राधिकरणों ने मार्च का परिपत्र दिखाते हुए संचित आईटीसी की वापसी को खारिज कर दिया। उनका कहना था कि बिलों/दस्तावेजें का ब्योरा आवेदनकर्ता के फार्म जीएसटी-2ए में नहीं दिख रहा।

सीबीआईसी ने कहा, ‘‘उक्त परिपत्र आयात से जुड़े उन बिलों/दस्तावेजों, आईएसडी (इनपुट सर्विस डिस्ट्रिब्यूटर) बिलों और उन घरेलू आपूर्तियों के मामले में रिफंड को प्रभावित नहीं करेगा जहां ‘रिवर्स चार्ज’ का मामला बनता है।

सीबीआईसी ने कहा, ‘‘अत: यह स्पष्ट किया जाता है कि आयात, आईएसडी बिलों और व्यापार के लिये आपूर्ति के मामले में जहां रिवर्स चार्ज का मामला बनता है, स्थिति वही रहेगी जो 31 मार्च 2020 से पहले थी।’’

एएमआरजी एंड एसोसएिट्स के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने कहा, ‘‘कर प्राधिकरणों ने तकनीकी आधार अपनाते हुए कर रिफंड को खारिज करना शुरू किया था जिसका कोई तार्किक आधार नहीं था। इसे अब बोर्ड ने स्पष्ट कर दिया है।’’

नांगिया एंड कंपनी एलएलपी की निदेशक (जीएसटी) तनुश्री राय ने कहा कि इस परिपत्र ने जीएसटी प्राधिकरण को रिफंड आवेदन के निपटान को लेकर चीजें स्पष्ट कर दी हैं। इससे करदाताओं को प्रासंगिक आपूर्ति पर संचित आईटीसी को लेकर बेवजह रिफंड दावा खारिज होने से राहत मिलेगी।

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