जरुरी जानकारी | नीचे भाव पर बिक्री ना होने से सरसों तेल तिलहन में सुधार
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. न्यनूतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे दाम पर किसानों की बेहद कम बिकवाली से देश के बाजारों में शनिवार को सरसों तेल-तिलहन, सोयाबीन तिलहन के दाम में मजबूती रही। जबकि विदेशों में दाम टूटने से सोयाबीन तेल, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन के साथ साथ बिनौला तेल के दाम में गिरावट रही।
नयी दिल्ली, चार मई न्यनूतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे दाम पर किसानों की बेहद कम बिकवाली से देश के बाजारों में शनिवार को सरसों तेल-तिलहन, सोयाबीन तिलहन के दाम में मजबूती रही। जबकि विदेशों में दाम टूटने से सोयाबीन तेल, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन के साथ साथ बिनौला तेल के दाम में गिरावट रही।
वहीं ऊंचे भाव पर कम कारोबार होने के बीच मूंगफली तेल तिलहन के दाम अपरिवर्तित रहे। कल रात शिकागो एक्सचेंज लगभग एक प्रतिशत टूटा था।
बाजार सूत्रों ने कहा कि किसानों को उम्मीद है कि आम चुनावों के बाद सरकार की ओर से उनकी समस्याओं को संबोधित किया जायेगा और वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम दाम पर फसल बेचने से बच रहे हैं। केवल छोटे व सीमांत किसान ही अपनी फौरी जरुरतों को पूरा करने के लिए मंडी में सरसों बेच रहे हैं। वह आगे आयात बढ़ने या सरसों के दाम टूटने जैसी अफवाहों की ओर भी ध्यान नहीं दे रहे और अपना माल रोक रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने तिलहनों के वायदा कारोबार को ना रोका होता तो अब तक सरसों के दाम तोड़़कर माल बटोरा जा चुका होता। उन्होंने कहा कि सरसों की पेराई कम होने की वजह से कल सरसों खली के दाम में 80-100 रुपये प्रति क्विन्टल की वृद्धि हुई है।
सूत्रों ने कहा कि विगत दो कारोबारी सत्रों में शिकागो में सोयाबीन डी-आयल्ड केक (डीओसी) और सोयाबीन तिलहन के दाम लगभग 6-7 प्रतिशत तेज हुए जिसकी वजह से यहां सोयाबीन तिलहन कीमतों में सुधार देखने को मिला। दूसरी ओर सोयाबीन तेल, आयात करने में सस्ता बैठता है जिस वजह से सोयाबीन तेल कीमतों में गिरावट आई।
सूत्रों ने कहा कि सीपीओ, पामोलीन का दाम सोयाबीन तेल के लगभग आसपास चल रहा है। इसके अलावा पिछले कुछ दिनों में सीपीओ, पामोलीन की आवक भी बढ़ी है जिस वजह से पाम, पामोलीन की उठान कमजोर है। इस वजह से पाम, पामोलीन कीमतों में गिरावट आई। जब तक पाम, पामोलीन के दाम, सोयाबीन तेल से 5-7 प्रतिशत कम होने पर ही पाम, पामोलीन की उठान होगी अन्यथा उसकी जगह लोग सोयाबीन तेल ही खरीदना पसंद कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मंडियों में आने वाले बिनौले की गुणवत्ता प्रभावित है, जिसकी वजह से इसके तेल कीमतों में गिरावट है।
तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
सरसों तिलहन - 5,350-5,390 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली - 6,050-6,325 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 14,525 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल 2,200-2,465 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 10,125 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 1,730-1,830 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 1,730-1,845 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 9,750 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 9,525 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 8,120 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 8,600 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 9,700 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 9,750 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 8,800 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना - 4,850-4,870 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 4,650-4,690 रुपये प्रति क्विंटल।
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