जरुरी जानकारी | तेल मिलों की मांग बढ़ने से सरसों तेल-तिलहन में सुधार

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. तेल कंपनियों की मांग बढ़ने से देश के बाजारों में बुधवार को सरसों तेल-तिलहन कीमतों में पर्याप्त सुधार आया। इसके साथ सोयाबीन तेल, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल के दाम भी मजबूत बंद हुए। डी-आयल्ड केक (डीओसी) की मांग कमजोर रहने से जहां सोयाबीन तिलहन में गिरावट देखी गई वहीं ऊंचे भाव पर कारोबार सुस्त रहने के बीच मूंगफली तेल-तिलहन के दाम अपरिवर्तित बंद हुए।

नयी दिल्ली, 22 मई तेल कंपनियों की मांग बढ़ने से देश के बाजारों में बुधवार को सरसों तेल-तिलहन कीमतों में पर्याप्त सुधार आया। इसके साथ सोयाबीन तेल, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल के दाम भी मजबूत बंद हुए। डी-आयल्ड केक (डीओसी) की मांग कमजोर रहने से जहां सोयाबीन तिलहन में गिरावट देखी गई वहीं ऊंचे भाव पर कारोबार सुस्त रहने के बीच मूंगफली तेल-तिलहन के दाम अपरिवर्तित बंद हुए।

मलेशिया एक्सचेंज आज बंद है। जबकि शिकॉगो एक्सचेंज में सुधार है।

बाजार सूत्रों ने कहा कि सरसों की पाइपलाइन खाली है और बड़े ब्रांड की खाद्य तेल बनाने वाली कंपनियों की तरफ से सरसों की भारी मांग है। लगता है कि इस बार किसानों ने किसी सूरत में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम कीमत पर बिक्री नहीं करने की ठान रखी है। उन्हें सरकार की ओर से इस दिशा में किसी पहल की उम्मीद है।

उन्होंने कहा कि इस बार हरियाणा सरकार ने किसानों से लगभग 80-85 प्रतिशत सरसों की एमएसपी पर खरीद की है। बाकी जगहों पर भी इस तरह के पहल किये जाने की आस में किसान सस्ते में बिकवाली नहीं कर रहे हैं।

सूत्रों ने कहा कि तमाम प्रवक्ताओं का यह अनुमान ध्वस्त हो गया कि सरसों की आवक बढ़ने वाली है और दाम में गिरावट आयेगी। अप्रैल और मई में सरसों की आवक काफी कम रही। पिछले साल इस दौरान प्रतिदिन 14-15 लाख बोरी की आवक थी जो इस बार 5-6 लाख बोरी तक सिमट गई।

उन्होंने कहा कि शिकॉगो एक्सचेंज में तेजी के कारण सोयाबीन तेल कीमतों में सुधार रहा। इस वजह से सीपीओ एवं पामोलीन तेल भी मजबूत बंद हुए। बिनौले की उपलब्धता नगण्य रहने और आयातित खाद्य तेलों में सुधार के कारण बिनौला तेल के दाम भी मजबूत बंद हुए। दूसरी ओर डीओसी की कमजोर मांग रहने से सोयाबीन तिलहन में गिरावट रही। इसी तरह ऊंचे भाव पर सुस्त कारोबार के कारण मूंगफली तेल- तिलहन अपरिवर्तित रहे।

सूत्रों ने कहा कि इस बार जिस तरह देशी मूंगफली और सोयाबीन की हालत हुई और इनका खपना मुश्किल रहा है उससे आगे मूंगफली और सोयाबीन की खेती के प्रभावित होने का खतरा है। किसान इन फसलों की जगह ऐसे फसल की खेती का रुख कर सकते हैं जिससे उन्हें लाभ सुनिश्चित हो।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन - 5,925-5,975 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली - 6,100-6,375 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 14,650 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल 2,215-2,515 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 11,500 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 1,900-2,000 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 1,900-2,015 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,150 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 10,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 8,550 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 8,775 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 9,880 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 9,875 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 8,975 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना - 4,820-4,840 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,620-4,740 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का)- 4,075 रुपये प्रति क्विंटल।

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