देश की खबरें | बाबासाहेब के प्रति थोड़ा भी सम्मान है तो अमित शाह को आज ही बर्खास्त करें प्रधानमंत्री: कांग्रेस
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. कांग्रेस ने बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के संदर्भ में गृह मंत्री अमित शाह की ‘‘अपमानजनक’’ टिप्पणी को लेकर बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा प्रहार किया और कहा कि यदि शाह इस्तीफा नहीं देते हैं तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उनका बचाव करने के बजाय आज रात 12 बजे तक उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर देना चाहिए।
नयी दिल्ली, 18 दिसंबर कांग्रेस ने बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के संदर्भ में गृह मंत्री अमित शाह की ‘‘अपमानजनक’’ टिप्पणी को लेकर बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा प्रहार किया और कहा कि यदि शाह इस्तीफा नहीं देते हैं तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उनका बचाव करने के बजाय आज रात 12 बजे तक उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर देना चाहिए।
पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने यह भी कहा कि यदि प्रधानमंत्री को बाबासाहेब के प्रति थोड़ी भी श्रद्धा है तो उन्हें यह कदम उठाना चाहिए।
उनका यह भी कहना था कि शाह को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि देश संविधान निर्माता का अपमान सहन नहीं करेगा तथा गृह मंत्री को माफी मांगनी चाहिए।
उन्होंने यह दावा भी किया कि भाजपा संविधान और बाबासाहेब द्वारा किए गए काम को खत्म करना चाहती है।
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शाह का जोरदार बचाव करते हुए कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री ने संविधान निर्माता का अपमान करने के कांग्रेस के काले इतिहास की पोल खोल दी, जिससे मुख्य विपक्षी पार्टी स्तब्ध है।
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस और उसके ‘दूषित इकोसिस्टम’ को लगता है कि उसके ‘दुर्भावनापूर्ण झूठ’ संविधान निर्माता बाबासाहेब आंबेडकर के प्रति उसके कई वर्षों के ‘कुकर्मों’ को छिपा सकते हैं तो वह ‘गंभीर भूल’ कर रही है।
शाह ने स्वयं यहां भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘कल से कांग्रेस ने जिस तरह से तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर रखने का प्रयास किया है, वह अत्यंत निंदनीय है। मैं इसकी निंदा करना चाहता हूं।’’
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, ‘‘अमित शाह ने जो बात कही वह निंदनीय है। यह देश का दुर्भाग्य है कि एक दलित नायक, जो सबके लिए पूजनीय है, के बारे में इस तरह की टिप्पणी की गई है।’’
उन्होंने दावा किया कि स्वर्ग और नरक की बात मनुस्मृति की बात है तथा इसमें विश्वास करने वाले लोग संविधान को नहीं मानते।
खरगे ने गृह मंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि अमित शाह की गलती नहीं है क्योंकि जिस ‘स्कूल’ में पढ़े हैं वहां यही पढ़ाया जाता है।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने इस बात का उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री ने गृह मंत्री का बचाव करने के लिए ‘एक्स’ पर छह पोस्ट किये।
खरगे ने कहा, ‘‘हम चाहते है कि शाह को गृह मंत्री पद से इस्तीफा देना चाहिए। अगर प्रधानमंत्री को आंबेडकर के प्रति श्रद्धा है तो शाह को आज रात 12 बजे तक बर्खास्त करना चाहिए।"
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यदि कोई व्यक्ति संविधान की शपथ लेकर मंत्री बनता है और फिर संविधान का अपमान करता है, तो उसे कैबिनेट में रहने का कोई अधिकार नहीं है।
कांग्रेस अध्यक्ष के अनुसार, अगर शाह को पद से नहीं हटाया जाता है तो पूरे देश में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
इससे पहले खरगे ने संसद परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में यह दावा भी किया कि शाह की टिप्पणी का यह मतलब था कि बाबासाहेब का नाम लेना भी गुनाह है।
उन्होंने आरोप लगाया कि अमित शाह और भाजपा के लोगों के दिमाग में जो ‘मनुस्मृति’ और आरएसएस की विचारधारा है, वह दर्शाती है कि वे बाबासाहेब के संविधान का आदर नहीं करते।
उन्होंने कहा, ‘‘अमित शाह पूरे देश से माफी मांगें और अपने पद से इस्तीफा दें।’’
मुख्य विपक्षी दल और उसके सहयोगी दलों के सदस्यों ने इस विषय को लेकर संसद के दोनों सदनों में हंगामा किया और संसद परिसर में भी विरोध प्रदर्शन किया।
सभी प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने राज्यों के राजभवनों पर मार्च निकाला और उससे संबद्ध संगठनों दलित कांग्रेस तथा युवा कांग्रेस ने भी प्रदर्शन किए।
कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों का आरोप है कि शाह ने राज्यसभा में ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ विषय पर दो दिन तक चली चर्चा का जवाब देते हुए मंगलवार को अपने संबोधन के दौरान बाबासाहेब का अपमान किया।
मुख्य विपक्षी दल ने शाह के संबोधन का एक वीडियो अंश जारी किया जिसमें गृह मंत्री विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए यह कहते सुने जा सकते हैं , ‘‘अभी एक फैशन हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर...। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।’’
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा कि गृह मंत्री की बातों को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया है।
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