
कोलकाता, 24 अप्रैल बीएसई के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सुंदररमण राममूर्ति ने निवेशकों में जागरूकता तथा जिम्मेदारी की जरूरत का उल्लेख करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि अगर निवेशक निवेश करते समय पर्याप्त सावधानी नहीं बरतते हैं तो केवल नियम उनकी रक्षा नहीं कर पाएंगे।
राममूर्ति ने निवेशकों से सतर्क व नवीन सूचनाओं के बारे में जानकारी रखने का आग्रह किया और कहा कि यदि आप ऐसा नहीं करते हैं, तो आपको समस्या होगी।
उन्होंने निवेशकों की उचित जांच-पड़ताल के बजाय सुनी-सुनाई बातों पर भरोसा करने की प्रवृत्ति की भी आलोचना की।
राममूर्ति ने कहा, ‘‘आप सब्जी खरीदने से पहले उसे अच्छी तरह जांचते हैं, लेकिन जब आप अपनी जिंदगी की कमाई निवेश करते हैं, तो सुनी-सुनाई बातों पर भरोसा करते हैं...ऐसा नहीं होना चाहिए।’’
नियामक अपेक्षाओं के बारे में बीएसई प्रमुख ने कहा कि आम धारणा यह है कि जब निवेशक पैसा खो देते हैं तो नियामकों को दोषी ठहराया जाता है, लेकिन जब बाजार अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो वही लोग अपने ज्ञान का बखान करते हैं।
उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘ यदि आप स्वयं को सुरक्षित नहीं रखना चाहते, तो कोई भी नियम आपको नहीं बचा सकता। सतर्क रहें।’’
कलकत्ता चैंबर ऑफ कॉमर्स में खुदरा निवेशकों की भागीदारी के मुद्दे पर बात करते हुए राममूर्ति ने सलाह दी कि छोटे निवेशक जो बाजार विशेषज्ञ नहीं हैं, उन्हें म्यूचुअल फंड का रास्ता चुनना चाहिए और उन्हें ‘थीमैटिक फंड’ से बचना चाहिए...उन्हें म्यूचुअल फंड या लार्ज-कैप फंड चुनना चाहिए।
उन्होंने कह कि महिलाओं और युवाओं को अपने करियर की शुरुआत में ही निवेश शुरू करना चाहिए।
भारत के लघु एवं मझोले उद्यम (एसएमई) क्षेत्र की संभावनाओं का जिक्र करते हुए बीएसई के सीईओ ने कहा कि इस क्षेत्र की केवल 40 कंपनियां ही वर्तमान में शेयर बाजारों में सूचीबद्ध हैं, जबकि वास्तविक संभावना 1,000 से अधिक हो सकती है।
उन्होंने लघु एवं मध्यम उद्यमों से आग्रह किया कि वे धन जुटाने और अपने व्यवसाय को बढ़ाने तथा अपनी क्षमता को दुनिया के सामने लाने के लिए बाजार में सूचीबद्ध होने के व्यवहारिक मार्ग पर विचार करें।
एसएमई सूचीबद्धता में संभावित हेरफेर पर किए सवाल पर राममूर्ति ने स्वीकार किया कि ‘पंप-एंड-डंप’ योजनाओं जैसे धोखाधड़ी को पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता है, भले ही नियामक और बाजार सतर्क हों।
उन्होंने कहा कि बीएसई चिंता के विषयों का पता लगाने के लिए आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) दस्तावेजों की प्रारंभिक जांच के लिए कृत्रिम मेधा (एआई) और मॉडल को शुरुआती स्तर पर उपयोग कर रहा है।
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