संवैधानिक संस्थानों को तो खरीद लोगे, जनसमर्थन कैसे खरीद पाओगे: हेमंत सोरेन
खनन पट्टा मामले में घिरे झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने परोक्ष रूप से केन्द्र पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘संवैधानिक संस्थानों को तो खरीद लोगे, जनसमर्थन कैसे खरीद पाओगे?’’
रांची, 26 अगस्त : खनन पट्टा मामले में घिरे झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने परोक्ष रूप से केन्द्र पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘संवैधानिक संस्थानों को तो खरीद लोगे, जनसमर्थन कैसे खरीद पाओगे?’’ झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने कार्यकाल के दौरान खुद के नाम से रांची में खनन पट्टा आवंटित कराने के मामले में उनकी विधानसभा सदस्यता को लेकर निर्वाचन आयोग की राय झारखंड के राजभवन पहुंचने के बाद अपनी सरकार गिरने की आशंकाओं के बीच एक के बाद एक ट्वीट किये जिनमें उन्होंने कहा, ‘‘हमने राज्य में कल भी काम किया था और आज भी कर रहे हैं, “संवैधानिक संस्थानों को तो खरीद लोगे, जनसमर्थन कैसे खरीद पाओगे ?
दूसरे ट्वीट में मुख्यमंत्री ने बुधवार की अपने मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य के पुलिसकर्मियों को एक माह का अतिरिक्त मूल वेतन देने के फैसले और उसके बाद पुलिसकर्मियों में व्याप्त खुशी का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘झारखण्ड के हमारे हजारों मेहनती पुलिसकर्मियों का यह स्नेह और यहाँ की जनता का समर्थन ही मेरी ताकत है. हैं तैयार हम! जय झारखण्ड!’’ मुख्यमंत्री सोरेन ने अपने लोकसभा सांसद विजय कुमार हंसदा के एक ट्वीट को रीट्वीट किया, ‘‘झारखंड की सरकार को अस्थिर करने की साजिश चल रही है. हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य में जो काम हो रहे हैं, वो इन शक्तियों को बर्दाश्त नहीं हो रहा है. राज्य में हम जनता की सेवा करते रहेंगे. इनकी हर साजिश बेनकाब होगी. झामुमो झारखंड के विकास के लिए काम करती रहेगी.’’ यह भी पढ़ें : लालू प्रसाद पर पहले भी कई बार सीबीआई छापे मारे गए: केंद्रीय मंत्री राय
इससे पूर्व उनकी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी दावा किया कि राज्य की साढ़े तीन करोड़ जनता का आशीर्वाद उसके साथ है साथ ही उसने कहा कि चुनाव आयोग की ओर से कोई भी निर्णय आता है, वह कोई अंतिम निर्णय नहीं होगा क्योंकि पार्टी के अन्य विकल्प भी खुले हुए हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव एवं मुख्य प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज यहां पार्टी कार्यालय पर एक संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही.