खूंटी, दो नवंबर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को असम के अपने समकक्ष हिमंत विश्व शर्मा पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि पूर्वोत्तर राज्य में झारखंड की जनजातियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा न देकर उनकी पहचान मिटाई जा रही है।
सोरेन ने खूंटी जिले के तपकारा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड से संबंध रखने वाले लोग बड़ी संख्या में असम के चाय बागानों में रहते हैं लेकिन उनकी स्थिति अच्छी नहीं है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘असम के मुख्यमंत्री यहां के आदिवासियों के शुभचिंतक होने का दिखावा करते हैं। लेकिन उन्होंने पूर्वोत्तर राज्य में झारखंड की जनजातियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा न देकर उनकी पहचान मिटा दी है।’’
मुख्यमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर समाज को धर्म और अगड़े-पिछड़े के नाम पर बांटने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि ‘‘राज्य सरकार को विकास कार्य करने से रोकने की भाजपा की साजिश’’ के कारण झारखंड में चुनाव निर्धारित समय से एक महीने पहले घोषित कर दिया गया।
सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार ने अपने पहले दो वर्षों में कोविड महामारी से निपटने के लिए संघर्ष किया।
उन्होंने कहा, ‘‘जब स्थिति सामान्य होने लगी तो विपक्ष ने एक के बाद एक साजिश रची। जब वे असफल हुए तो आखिरकार उन्होंने मुझे सलाखों के पीछे डाल दिया।’’
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