खेल की खबरें | मुझे उम्मीद है कि यह प्यार बरकरार रहेगा, विफलता पर लोग निराश नहीं होंगे: मनु

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Sports at LatestLY हिन्दी. मनु भाकर महज 22 साल की उम्र में एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतकर भारत की सबसे सफल खिलाड़ियों की सूची में शामिल हो गयी हैं लेकिन उन्होंने पेरिस ओलंपिक में अपने तीसरे स्पर्धा से पहले उम्मीद जताई कि लोगों का उनके लिए प्यार बना रहेगा और अगर वह पदक जीतने में विफल रही तो कोई निराश नहीं होगा।

शेटराउ (फ्रांस), 30 जुलाई मनु भाकर महज 22 साल की उम्र में एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतकर भारत की सबसे सफल खिलाड़ियों की सूची में शामिल हो गयी हैं लेकिन उन्होंने पेरिस ओलंपिक में अपने तीसरे स्पर्धा से पहले उम्मीद जताई कि लोगों का उनके लिए प्यार बना रहेगा और अगर वह पदक जीतने में विफल रही तो कोई निराश नहीं होगा।

 मनु स्वतंत्र भारत में एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली खिलाड़ी है। वह दो अगस्त को 25 मीटर स्पोर्ट्स पिस्टल क्वालीफिकेशन में प्रतिस्पर्धा करेंगी। उन्होंने अब तक महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल और 10 मीटर मिश्रित एयर पिस्टल में कांस्य पदक जीते हैं।

मनु ने शेटराउ निशानेबाजी परिसर से कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि प्यार बना रहेगा। मैं निश्चित तौर पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करूंगी। मुझे उम्मीद है कि लोग निराश नहीं होंगे। अगर मैं एक और पदक नहीं जीत पाई तो कृपया नाराज नहीं हों।’’

मनु और 22 साल के सरबजोत की जोड़ी ने मंगलवार को 10 मीटर मिश्रित एयर पिस्टल स्पर्धा के कांस्य पदक मुकाबले में कोरियाई की जोड़ी को शिकस्त दी।

हरियाणा के झज्जर की इस निशानेबाज ने कहा, ‘‘यह स्वप्निल अहसास है क्योंकि मुझे उम्मीद नहीं थी कि मैं एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतूंगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अभी एक और मैच बाकी है (25 मीटर स्पोर्ट्स पिस्टल में)। इसलिए, मैं अगले मैच का इंतजार कर रही हूं, लेकिन मुझे भारत के लिए एक और पदक जीतने की खुशी है। ’’

उन्होंने कहा कि जब भी भारतीय एथलीट देश का प्रतिनिधित्व करते हैं, तो उनका एकमात्र सपना ओलंपिक पदक जीतना होता है और वह खेलों में यथासंभव सफलता हासिल करना चाहेंगी।

मनु ने कहा, ‘‘ यह (आज कांस्य पदक) सपने का हिस्सा है। एक हिस्सा बैग में है और दूसरा यहां मेरे पास है। कोई खिलाड़ी जब भी भारत के लिए खेलता है, तो उसका सपना ओलंपिक में पदक जीतना होता है और यही मेरा भी सपना था। मैं ओलंपिक में अधिक से अधिक पदक जीतना चाहती हूं।’’

मनु अपने शानदार प्रदर्शन से तीन साल पहले तोक्यो ओलंपिक की निराशा को पीछे छोड़ने में सफल रही। तोक्यो में पिस्टल में खराबी के कारण उनका अभियान आगे नहीं बढ़ पाया था जिससे वह भावुक हो गयी थी।

मनु ने कहा, ‘‘तोक्यो में अनुभव के बाद मुझे अहसास हुआ कि यह (पदक) जीतना कितना खास है। मुझे पता है कि मैंने कड़ी मेहनत की है और मेरी पूरी यात्रा में बहुत से लोगों ने मेरा समर्थन किया है। ओलंपिक एक विशेष मंच है और बहुत सारे लोग इसे देखते हैं।’’

मनु बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू के बाद ओलंपिक पदक जीतने वाली सबसे युवा खिलाड़ी है। मनु ने कहा कि सिंधू और भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा उनके आदर्श है क्योंकि उन्होंने खुद को वैश्विक मंच पर साबित किया है।

इस युवा निशानेबाज ने कहा, ‘‘मैंने हमेशा नीरज (चोपड़ा) (पीवी) सिंधू जैसे खिलाड़ियों से प्रेरणा लेती हूं। वे मेरे सीनियर रहे हैं, मैं उनसे (खुद की) तुलना नहीं कर सकती।’’

मनु से जब पूछा गया कि क्या उनका यह प्रदर्शन 10 मीटर एयर राइफल के पूर्व दिग्गज निशानेबाज अभिनव बिंद्रा (2008 बीजिंग ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता) की तरह एक खेल आइकन बना देगा तो उन्होंने कहा, ‘‘ मैं अपने बारे में (एक महिला खेल आइकन बनने के बारे में) ऐसा नहीं कह सकती। मेरी यात्रा अभी खत्म नहीं हुई है यह आगे भी जारी रहेगी। मैं कड़ी मेहनत करती रहूंगी। मैं जीत और हार के बारे में सोचे बिना अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करती रहूंगी।’’

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\