देश की खबरें | अल्पसंख्यक मंत्रालय की ‘हुनर हाट’ में अब ‘विश्वकर्मा वाटिका’ भी होगी

नयी दिल्ली, 14 अक्टूबर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश भर में आयोजित की जा रही "हुनर हाट" में अब "विश्वकर्मा वाटिका" भी होगी जिसमें देश के शिल्पकारों, मूर्तिकारों, लोहार, बढ़ई, माटी कला, स्वर्ण-कांस्य, कांच, ब्रास कला आदि जैसे सैंकड़ों परंपरागत कार्यों से लोग रूबरू होंगें।

उन्होंने यह भी बताया कि पहली "विश्वकर्मा वाटिका" 16 अक्टूबर से उत्तर प्रदेश के रामपुर में आयोजित हो रही "हुनर हाट" में लगायी जाएगी।

आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने "विश्वकर्मा जयंती" पर "मन की बात" में कहा था कि “जो सृष्टि और निर्माण से जुड़े सभी कर्म करता है वह विश्वकर्मा है। हमारे शास्त्रों की नजर में हमारे आस-पास निर्माण और सृजन में जुटे जितने भी स्किल्ड, हुनरमंद लोग हैं, वो भगवान विश्वकर्मा की विरासत हैं। इनके बिना हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते |”

नकवी ने आज यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘आजादी के अमृत महोत्सव के तहत देश भर में आयोजित होने जा रही 75 "हुनर हाट" की श्रृंखला में रामपुर में 16 से 25 अक्टूबर 2021 तक आयोजित होने वाली "हुनर हाट" का उद्घाटन 16 अक्टूबर को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान करेंगे।’’

इस अवसर पर खुद नकवी एवं केंद्रीय संसदीय कार्य एवं संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।

नकवी ने कहा, ‘‘ नुमाइश ग्राउंड (पनवड़िया, रामपुर) में आयोजित हो रही "हुनर हाट" में 30 से ज्यादा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 700 दस्तकार, शिल्पकार, कारीगर अपने स्वदेशी हस्तनिर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी एवं बिक्री के लिए आये हैं।’’

उनके मुताबिक, इस 29वीं "हुनर हाट" में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, दिल्ली, नागालैंड, मध्य प्रदेश, मणिपुर, बिहार, आंध्र प्रदेश, झारखण्ड, गोवा, पंजाब, लद्दाख, कर्नाटक, गुजरात, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, केरल एवं अन्य क्षेत्रों से हुनर के उस्ताद कारीगर अपने साथ लकड़ी, ब्रास, बांस, शीशे, कपडे, कागज़, मिटटी आदि के शानदार उत्पाद लेकर आये हैं।

नकवी ने कहा कि इस ‘हुनर हाट’ में कई जाने-माने कलाकार शानदार गीत-संगीत-ग़ज़ल पेश करेंगें।

अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने कहा, ‘‘पिछले लगभग 6 वर्षों में "हुनर हाट" के माध्यम से 5 लाख 50 हजार से ज्यादा दस्तकारों, शिल्पकारों, कारीगरों और उनसे जुड़े लोगों को रोजगार और रोजगार के अवसर मुहैया कराए गए हैं।’’

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