देश की खबरें | पिछले पांच साल में कितने किशोर अपराधियों को वयस्कों की जेल भेजा गया: अदालत ने दिल्ली सरकार से पूछा
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. दिल्ली उच्च न्यायालय ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को पिछले पांच वर्षों में वयस्क जेलों में डाले गए ऐसे किशोर अपराधियों के बारे में जानकारी प्रदान करने का निर्देश दिया है, जिन्हें बाद में बाल देखभाल संस्थान भेज दिया गया
नयी दिल्ली, 21 दिसंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को पिछले पांच वर्षों में वयस्क जेलों में डाले गए ऐसे किशोर अपराधियों के बारे में जानकारी प्रदान करने का निर्देश दिया है, जिन्हें बाद में बाल देखभाल संस्थान भेज दिया गया
उच्च न्यायालय ने ''किशोर न्याय प्रणाली के कामकाज को सुव्यवस्थित करने'' के लिए कई निर्देश जारी किये और दिल्ली सरकार को छह सप्ताह के भीतर जिला बाल संरक्षण अधिकारियों के सात रिक्त पदों को भरने का आदेश दिया।
अदालत इस मामले में अब 21 जनवरी को आगे विचार करेगी।
अदालत ने दिल्ली सरकार से यह बताने का भी निर्देश दिया कि कब और कितने किशोरों को तिहाड़, रोहिणी और मंडोली जेलों में भेजा गया और फिर बाल देखभाल संस्थानों में स्थानांतरित कर दिया गया। अदालत ने कथित तौर पर उनके द्वारा किये गए अपराधों के बारे में भी जानकारी मांगी।
किशोर न्याय अधिनियम के कुछ प्रावधानों की व्याख्या और प्रभावी कार्यान्वयन से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विचार कर रही न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति अनूप ज भंभानी की पीठ ने यह जानकारी मांगी।
इससे पहले, एक अक्टूबर को अदालत ने किशोन न्याय बोर्ड के समक्ष अवयस्कों के खिलाफ कथित छोटे-मोटे अपराधों से संबंधित उन मामलों को तत्काल प्रभाव से खत्म करने का आदेश दिया था जिनकी जांच एक साल से भी ज्यादा समय से लंबित और अधूरी है।
दिल्ली सरकार ने अदालत ने सूचित किया था कि नाबालिगों के खिलाफ कथित छोटे मोटे अपराधों से संबंधित 898 मामले एक साल से भी ज्यादा समय से किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष लंबित हैं। अदालत ने इस पर दिल्ली सरकार को फटकार भी लगाई थी।
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