एचआईवी के गढ़ सिडनी ने वायरस के फैलाव को रोका
एचआईवी का गढ़ रहा सिडनी का भीतरी इलाका अब इसके फैलाव से मुक्त होने की तरफ बढ़ रहा है.
एचआईवी का गढ़ रहा सिडनी का भीतरी इलाका अब इसके फैलाव से मुक्त होने की तरफ बढ़ रहा है. सिडनी यह कामयाबी संयुक्त राष्ट्र के लक्षित समय से बहुत पहले हासिल कर लेगा. आखिर कैसे मुमकिन हो सका यह?रिसर्चरों घोषणा की है कि सिडनी के भीतरी इलाके में साल 2010 से 2022 के बीच समलैंगिक पुरुषों में नए संक्रमण में 88 प्रतिशत की गिरावट आई है.ऑस्ट्रेलियाई शहर ब्रिस्बेन में अंतरराष्ट्रीय एड्स सोसायटी का एचआईवी विज्ञान सम्मेलन चल रहा है. वहां एंड्रयू ग्रुलिच न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय में महामारी विज्ञानी हैं. उन्होंने सम्मलेन में रिसर्च रिपोर्ट पेश की और समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि सिडनी अपने 2030 के लक्ष्य से आठ साल आगे है और "लगभग वहां पहुंच चुका है."
इसमें 2010 के मुकाबले नए एचआईवी मामलों की संख्या को 90 प्रतिशत तक कम करना भी शामिल है. पिछले साल सिडनी के भीतरी इलाके में एचआईवी के केवल 11 नए मामले दर्ज हुए.
एचआईवी के नए मामलों में तेजी से गिरावट
ग्रुलिच ने कहा कि "जो ऑस्ट्रेलियाई एचआईवी महामारी का केंद्र था, उसके लिए संक्रमण की यह बहुत ही छोटी संख्या है". समलैंगिक पुरुषों की आबादी शहर के इस क्षेत्र में लगभग 20 प्रतिशत है. इनमें अक्सर एचआईवी के मामले बहुमत में देखने को मिलते हैं. ग्रुलिच ने कहा कि यूके और पश्चिमी यूरोप के कई क्षेत्रों में एचआईवी के नए मामलों में तेजी से गिरावट देखी गई है.
उन्होंने कहा, लेकिन "मुझे नहीं लगता कि कहीं भी यह आंकड़े 90 प्रतिशत के करीब पहुंच पाए हैं." हालांकि ग्रुलिच ने इस बात पर जोर दिया है कि इसका मतलब यह नहीं है कि 5.2 मिलियन से अधिक लोगों के इस शहर में एचआईवी खत्म होने के करीब है. उन्होंने कहा कि एचआईवी को तभी खत्म किया जा सकता है जब हमारे पास इसके लिए वैक्सीन और इलाज हो. साथ ही, सिडनी के दूसरे हिस्सों में नए एचआईवी मामलों में ज्यादा गिरावट नहीं आई है.
एंटीरेट्रोवाइरल उपचार कर रहा है मदद
शहर के बाहरी उपनगरों में 2010 के बाद से नए मामलों में केवल 31 प्रतिशत की गिरावट आई है. ग्रुलिच ने कहा कि यह असमानता अंदरूनी शहर में एचआईवी की ज्यादा टेस्टिंगऔर प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (पीआरईपी) के उपयोग के कारण थी. पीआरईपी सेक्स के दौरानएचआईवी के फैलने के जोखिम को कम करता है.
रिसर्चरों के मुताबिक इस बीमारी से छुटकारा की दिशा में प्रगति का एक और कारण यह है कि ऑस्ट्रेलिया में लगभग 95 प्रतिशत एचआईवी पॉजिटिव लोग अब एंटीरेट्रोवाइरल उपचार ले रहे हैं. यह उपचार रक्त में वायरस के स्तर को दबा देता है. द लांसेट जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन की भी एड्स सम्मेलन में घोषणा हुई. इसमें कहा गया है कि एंटीरेट्रोवाइरल लेने वाले जिन लोगों में एचआईवी का स्तर कम है, उनमें यौन रूप से दूसरों को वायरस देने का खतरा लगभग शून्य है.
एचवी/एनआर (एएफपी)