देश की खबरें | हिमंत बिस्व सरमा ने मनीष सिसोदिया के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने पीपीई किट्स की आपूर्ति मामले में खुद पर लगाए गए आरोपों को लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है। सरमा के वकील देवोजीत सैकिया ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

गुवाहाटी, एक जुलाई असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने पीपीई किट्स की आपूर्ति मामले में खुद पर लगाए गए आरोपों को लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है। सरमा के वकील देवोजीत सैकिया ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि सरमा ने खुद पर लगे इन आरोपों को निराधार बताते हुए सिसोदिया के खिलाफ यह मुकदमा दर्ज कराया है।

सिसोदिया ने सरमा पर कोविड-19 महामारी की पहली लहर के दौरान बाजार से अधिक कीमतों पर पीपीई किट्स खरीदने का आरोप लगाया था।

सिसोदिया के खिलाफ मानहानि का मुकदमा कामरूप ग्रामीण जिले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में बृहस्पतिवार को दर्ज किया गया। मामले को शिकायतकर्ता का प्रारंभिक बयान दर्ज करने के वास्ते 22 जुलाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

सरमा पर आरोप है कि उनकी पत्नी रिंकी भुइयां सरमा के स्वामित्व वाली कंपनी जेसीबी इंडस्ट्रीज ने कोविड-19 महामारी की पहली लहर के दौरान असम में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों को ‘‘बाजार से अधिक कीमत’’ पर पीपीई किट्स की आपूर्ति की थी।

रिंकी भुइयां सरमा ने भी इन आरोपों को लेकर 21 जून को कामरूप मेट्रोपॉलिटन जिले के दीवानी न्यायाधीश की अदालत में सिसोदिया के खिलाफ 100 करोड़ रुपये की मानहानि का मुकदमा दायर किया था।

सरमा के वकील देवोजीत सैकिया ने कहा, ‘‘मनीष सिसोदिया ने चार जून को नयी दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान उनके मुवक्किल हिमंत बिस्व सरमा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। उन्होंने विशेष रूप से दावा किया था कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने सरमा की पत्नी के सह-स्वामित्व वाली कंपनी से अधिक कीमत पर पीपीई किट की खरीद की थी। यह खरीद 2020 में कोविड-19 महामारी की पहली लहर के दौरान की गई थी। उस समय सरमा असम के स्वास्थ्य मंत्री थे।’’

सैकिया ने कहा, ‘‘मार्च 2020 में कोविड-19 महामारी के शुरुआती दिनों में असम राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने पीपीई किट की आपूर्ति की मांग की थी। जेसीबी इंडस्ट्रीज की ओर से 1500 पीपीई किट की आपूर्ति की गयी थी, लेकिन वह किसी अनुबंध के तहत नहीं थी। ये दान में दी गयी थीं और कंपनी की कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व संबंधी गतिविधियों का हिस्सा थीं।’’

वरिष्ठ अधिवक्ता ने दावा किया कि पीपीई किट के लिए जेसीबी इंडस्ट्रीज को कोई भुगतान नहीं किया गया था और सरमा के खिलाफ यह निराधार आरोप राजनीतिक प्रतिशोध की भावना के तहत लगाए गए हैं।

सैकिया ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए कहा, "सरमा ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों से व्यथित होने और बाद में मामले पर कोई स्पष्टीकरण नहीं मिलने पर आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज करने का फैसला किया है।"

उन्होंने दावा किया कि जेसीबी इंडस्ट्रीज ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को ये पीपीई किट दान में दी थीं।।

दो डिजिटल मीडिया प्रतिष्ठानों ने एक संयुक्त जांच रिपोर्ट में एक जून को दावा किया था कि असम सरकार ने कोविड-19 से संबंधित चार आपातकालीन चिकित्सा आपूर्ति आदेश दिए थे, जिनमें सभी उचित प्रक्रियाओं का पालन किया गया था।

सिसोदिया के इन आरोपों के बाद कांग्रेस, रायजॉर दल और असम जातीय परिषद ने इस मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय अथवा किसी अन्य एजेंसी से कराने की मांग की थी।

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