देश की खबरें | उच्च न्यायालय ने 2 जी मामले में सीबीआई, ईडी की अपील पर राजा, अन्य से जवाब मांगा
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नयी दिल्ली, 10 सितंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2जी स्पेक्ट्रम आबंटन घोटाला मामले में विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की अपील पर बृहस्पतिवार को पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और अन्य से जवाब मांगा। विशेष अदालत ने इस मामले में आरोपी बनाये गये सभी व्यक्तियों और कंपनियों को बरी कर दिया था।
न्यायमूर्ति बृजेश सेठी ने सभी प्रतिवादियों - व्यक्तियों और कंपनियों को नोटिस जारी कर उन्हें अपने जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। इस मामले में अब 21 सितंबर को सुनवाई होगी ।
दोनों जांच एजेंसियों ने अपीलों पर जल्द सुनवाई का अनुरोध किया है। इससे पहले मामले को 12 अक्टूबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था।
सीबीआई ने एस्सार समूह के प्रवर्तकों रविकांत रुइया और अंशुमान रुइया तथा 2जी मामले की जांच के बाद एक अन्य मामले में छह अन्य लोगों को बरी करने के फैसले के खिलाफ दायर अपील की जल्द सुनवाई का अनुरोध किया है ।
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सुनवाई के दौरान ईडी और सीबीआई की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने कहा कि यह जनहित में होगा कि देश के खजाने को नुकसान पहुंचाने वाला देश का सबसे बड़ा मुकदमा तार्किक अंजाम तक पहुंचे ।
जैन ने कहा कि उन्होंने सीबीआई की ओर से दी जाने वाली दलीलें 15 जनवरी को पूरी कर ली थीं लेकिन इसके बाद कोविड-19 महामारी के कारण मामले में सुनवाई नहीं हो पायी।
जैन के साथ वकील अमित महाजन और ए के मट्टा भी थे। उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति सेठी 30 नवंबर को सेवानिवृत्त हो जाएंगे इसलिए अपील पर सुनवाई होनी चाहिए और इस पर जल्द निर्णय होना चाहिए क्योंकि दूसरी पीठ में नए सिरे से सुनवाई होने पर समय लगेगा ।
बहरहाल, अदालत ने 2 जी से जुड़े धन शोधन मामले में बरी दो कंपनियों की दो अलग-अलग याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। कंपनियों ने ईडी द्वारा जब्त संपत्ति को लौटाने का अनुरोध किया है।
एक विशेष अदालत ने घोटाले से जुड़े सीबीआई और ईडी के मामलों में 21 दिसंबर 2017 को राजा, द्रमुक सांसद कनिमोई और अन्य को बरी कर दिया था ।
द्रमुक सुप्रीमो एम करूणानिधि की पत्नी दयालु अम्माल, विनोद गोयनका, आसिफ बलवा, फिल्म निर्माता करीम मोरानी, पी अमृतम और कलैगनार टीवी के निदेशक शरद कुमार समेत 17 अन्य को बरी कर दिया था ।
ईडी ने आरोपियों को बरी किए जाने के विशेष अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए 19 मार्च 2018 को उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी।
इसके एक दिन बाद, सीबीआई ने भी मामले में आरोपियों को बरी किए जाने को उच्च न्यायालय में चुनौती दी ।
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