देश की खबरें | तथ्यों की जांच किए बिना लक्ष्मीपुरी के खिलाफ ट्वीट करने पर उच्च न्यायालय का गोखले से सवाल
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. दिल्ली उच्च न्यायालय ने संयुक्त राष्ट्र की पूर्व सहायक महासचिव लक्ष्मी पुरी के खिलाफ तथ्यों की जांच करने या किसी सरकारी अधिकारी से संपर्क किए बिना अपमानजनक ट्वीट करने पर कार्यकर्ता साकेत गोखले से बृहस्पतिवार को सवाल जवाब किया।
नयी दिल्ली, आठ जुलाई दिल्ली उच्च न्यायालय ने संयुक्त राष्ट्र की पूर्व सहायक महासचिव लक्ष्मी पुरी के खिलाफ तथ्यों की जांच करने या किसी सरकारी अधिकारी से संपर्क किए बिना अपमानजनक ट्वीट करने पर कार्यकर्ता साकेत गोखले से बृहस्पतिवार को सवाल जवाब किया।
गोखले ने 13 और 26 जून को अपने ट्वीट में स्विट्जरलैंड में पुरी द्वारा कथित तौर पर संपत्ति खरीदने का हवाला दिया था और उनके पति एवं केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी का भी संदर्भ दिया गया था।
अदालत ने टिप्पणी की कि सम्मान के अधिकार को मौलिक अधिकार के तौर पर स्वीकार किया गया है और गोखले से पूछा कि वह कैसे किसी व्यक्ति को बदनाम कर सकते हैं , खासतौर पर उनके द्वारा ट्वीट करके जो प्रथमदृष्टया असत्य है। गोखले फ्रीलांसर पत्रकार हैं।
उच्च न्यायालय लक्ष्मी मृदेश्वर पुरी की मानहानि याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें उन्होंने गोखले से क्षतिपूर्ति के तौर पर पांच करोड़ रुपये की मांग की है। उन्होंने अदालत से उन ट्वीट व बयान को हटाने या मिटाने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया है जो गलत हैं और उनके और उनके परिवार की व्यक्तिगत मानहानि व निंदा करते हैं।
न्यायमूर्ति सी हरि शंकर ने गोखले के अधिवक्ता सरीम नावेद से पूछा, ‘‘मुझे स्पष्ट करें कि ट्वीट करने से पहले उसकी सत्यता जांचने के लिए वादी से संपर्क किया गया था।’’ इसका जवाब अधिवक्ता ने नहीं में दिया। साथ ही कहा कि कानूनी रूप से इसकी जरूरत नहीं है और एक ट्वीट में उन्होंने वित्तमंत्री को टैग किया था।
न्यायमूर्ति हरिशंकर ने इस मामल में 13 जुलाई तक फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा, ‘‘यानी आपकी कानूनी समझ के मुताबिक कोई टॉम, डिक और हैरी किसी के बारे में कुछ भी इंटरनेट पर लिखा देगा, चाहे उससे व्यक्ति की प्रतिष्ठा को ही हानि क्यों नहीं हो।’’
बहस के दौरान पुरी का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने कहा कि ट्वीट मानहानि करने वाले, शरारत पूर्ण और गलत सूचना पर आधारित थे और गोखले को पुरी से सवाल करने का अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा, पुरी सार्वजनिक पद पर नहीं हैं जिसके आधार पर इन जानकारियों को सार्वजनिक मंच पर डाला जाए और वह उनका नाम सार्वजनिक मंच पर उल्लेख कर रहे थे, तो उन्हें इतनी सभ्यता को दिखानी ही चाहिए थी कि पुरी से पहले पूछ लें, लेकिन उन्होंने जानबूझकर ट्वीट करने से पहले जानकारी नहीं ली।
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