जरुरी जानकारी | उच्च न्यायालय ने इंडियाबुल्स, कर्मचारियों के खिलाफ ईडी की ईसीआईआर को रद्द किया
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. दिल्ली उच्च न्यायालय ने इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (आईएचएफएल) और उसके कई कर्मचारियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) को रद्द कर दिया है।
नयी दिल्ली, 27 सितंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (आईएचएफएल) और उसके कई कर्मचारियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) को रद्द कर दिया है।
न्यायालय ने साथ ही निर्देश दिया कि उनके खिलाफ उस मामले में आगे कोई जबरिया कार्रवाई नहीं की जाए, जिसमें बंबई उच्च न्यायालय ने पहले ही प्राथमिकी को रद्द कर दिया है।
उच्च न्यायालय ने सोमवार को पारित एक आदेश में उन कर्मचारियों के खिलाफ जारी लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) को भी रद्द कर दिया। साथ ही कहा कि ईसीआईआर से जुड़ा कोई तलाशी, जब्ती या समन नहीं भेजा जाएगा।
धन शोधन रोधक अधिनियम (पीएमएलए) के कुछ प्रावधानों को आरोपी द्वारा चुनौती दिए जाने के संबंध में न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता और न्यायमूर्ति अनीश दयाल की उच्च न्यायालय की पीठ ने कहा कि यह पहले ही उच्चतम न्यायालय द्वारा पूर्व के एक फैसले में तय किया जा चुका है।
उच्चतम न्यायालय के फैसले का जिक्र करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘इस अदालत को उनके खिलाफ उक्त ईसीआईआर को बनाए रखने का कोई कारण नहीं लगता है।’’
आईएचएफएल, इंडियाबुल्स एसेट मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड और उनके कई कर्मचारियों ने ईडी के ईसीआईआर और उसके बाद होने वाली कार्यवाही को चुनौती दी थी।
याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया था कि ईडी द्वारा उन्हें ईसीआईआर में आरोपित किया गया है और उनके खिलाफ कोई अंतर्निहित विधेय अपराध दर्ज नहीं किया गया है।
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