देश की खबरें | उच्च न्यायालय ने विनोद दुआ के खिलाफ आपराधिक मामले में जांच पर रोक लगायी
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. दिल्ली उच्च न्यायालय ने वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ के खिलाफ आपराधिक मामले की जांच पर यह कहते हुए बृहस्पतिवार को रोक लगा दी कि मामले की शिकायत और प्राथमिकी दर्ज कराने में तीन महीने की अस्पष्ट देरी हुई ।
नयी दिल्ली, 11 जून दिल्ली उच्च न्यायालय ने वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ के खिलाफ आपराधिक मामले की जांच पर यह कहते हुए बृहस्पतिवार को रोक लगा दी कि मामले की शिकायत और प्राथमिकी दर्ज कराने में तीन महीने की अस्पष्ट देरी हुई ।
दुआ के खिलाफ लोक बाधा उत्पन्न करने वाले बयान देने को लेकर मामला दर्ज किया गया था।
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अदालत ने अंतरिम आदेश में कहा कि पहली नजर में उसकी यह राय है कि आगे कार्यवाही या जांच से पत्रकार का अनुचित उत्पीड़न होगा और जांच पर 23 जुलाई तक रोक लगा दी ।
न्यायमूर्ति अनूप जे भंभानी ने बुधवार को यह आदेश दिया और बृहस्पतिवार शाम को यह उपलब्ध कराया गया। न्यायाधीश ने कहा कि इस अदालत का मानना है कि दुआ के खिलाफ जांच की की अनुमति देने के पहले दर्ज शिकायत और एफआईआर पर विचार होना चाहिए ।
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अदालत ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रतिपादित कानून को ध्यान में रखते हुए ...इस मामले के गुण-दोष पर बिना कोई राय कायम किए, इस अदालत का मानना है कि याचिकाकर्ता के खिलाफ जांच की अनुमति देने के पहले दर्ज शिकायत और प्राथमिकी पर विचार होना चाहिए ।’’
न्यायाधीश ने 22 पन्ने के अपने आदेश में कहा, ‘‘तदनुसार, इस प्राथमिकी से उपजे मामले की आगे की जांच पर सुनवाई की अगली तारीख तक रोक लगायी जाती है।’’
अदालत ने पत्रकार की याचिका पर दिल्ली पुलिस और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। पत्रकार ने अपराध शाखा द्वारा दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने के लिए याचिका दी है।
भाजपा के एक नेता ने आरोप लगाया है कि पत्रकार ने यूट्यूब पर अपने शो में मानहानिकारक टिप्पणी की और अशांति फैलाने का काम किया ।
भाजपा के प्रवक्ता नवीन कुमार ने पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मीनगर में चार जून को दुआ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी। भाजपा नेता ने दावा किया था कि फर्जी खबर और गलत तथ्यों के आधार पर वह समाज में अशांति फैलाने का कार्य कर रहे हैं।
दिल्ली पुलिस ने अपने वकील पीयूष सिंघल और शिकायतकर्ता ने वकील अजय दिगपाल तथा अनिल सोनी के जरिए दुआ की याचिका का विरोध किया ।
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