देश की खबरें | आईटी नियमावली, 2021 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर दिल्ली उच्च न्यायालय में 14 अगस्त को सुनवाई

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. दिल्ली उच्च न्यायालय सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियमावली, 2021 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 14 अगस्त को सुनवाई करेगा।

नयी दिल्ली, छह मई दिल्ली उच्च न्यायालय सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियमावली, 2021 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 14 अगस्त को सुनवाई करेगा।

ये नियम ऑनलाइन मीडिया पोर्टल और प्रकाशकों, ओवर-द-टॉप (ओटीटी) मंचों तथा सोशल मीडिया मध्यस्थों के कामकाज को विनियमित करने से संबंधित हैं।

इसके तहत, सोशल मीडिया और प्रसारण कंपनियों के लिए विवादास्पद सामग्री को तेजी से हटाना, शिकायत निवारण अधिकारियों की नियुक्ति करना और जांच में सहायता करना शामिल है।

ये याचिकाएं देश भर के विभिन्न उच्च न्यायालयों में लंबित थीं, जिन्हें उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किया है।

दिल्ली उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ ने कहा, ‘‘चूंकि, इसी तरह की याचिकाएं 14 अगस्त के लिए सूचीबद्ध हैं, इसलिए उसी तारीख के लिए सूचीबद्ध करें।’’

उच्चतम न्यायालय ने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 को चुनौती देने वाली देशभर के विभिन्न उच्च न्यायालयों के समक्ष लंबित याचिकाओं को 22 मार्च को दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया था।

न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने कहा था कि इस मुद्दे पर कर्नाटक, मद्रास, कलकत्ता, केरल और बम्बई उच्च न्यायालयों सहित विभिन्न उच्च न्यायालयों के समक्ष कई याचिकाएं लंबित हैं।

पीठ ने कहा था, ‘‘विरोधाभासी निर्णयों से बचने के लिए, केंद्र सरकार सभी मामलों की सुनवाई एक ही जगह कराना चाहेगी। क्योंकि इनमें से बड़ी संख्या में मामले दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन हैं, इसलिए हम विभिन्न उच्च न्यायालयों में मामलों को दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करना उचित समझते हैं।’’

उच्चतम न्यायालय ने निर्देश दिया था कि सभी संबंधित कागजात उच्च न्यायालयों द्वारा चार दिन के भीतर दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिए जाएंगे।

उच्चतम न्यायालय ने सभी याचिकाओं की सुनवाई एक ही उच्च न्यायालय में करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा दायर एक स्थानांतरण याचिका पर यह आदेश पारित किया था।

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