देश की खबरें | किसान नेता डल्लेवाल के अस्पताल में भर्ती नहीं कराये जाने के विरुद्ध न्यायालय में दो जनवरी को सुनवाई

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराने के निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए पंजाब सरकार के खिलाफ अवमानना ​​कार्रवाई संबंधी याचिका पर बृहस्पतिवार को सुनवाई करेगा।

नयी दिल्ली, एक जनवरी उच्चतम न्यायालय किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराने के निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए पंजाब सरकार के खिलाफ अवमानना ​​कार्रवाई संबंधी याचिका पर बृहस्पतिवार को सुनवाई करेगा।

डल्लेवाल एक महीने से अधिक समय से आमरण अनशन पर हैं।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ याचिका पर सुनवाई करेगी।

पंजाब सरकार ने अवकाशकालीन पीठ को सूचित किया था कि डल्लेवाल चिकित्सा सहायता के लिए सहमत हो गए हैं, क्योंकि केंद्र ने बातचीत का उनका प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है।

शीर्ष अदालत ने 20 दिसंबर के आदेश का पालन करने के लिए अतिरिक्त तीन दिन की मोहलत संबंधी पंजाब सरकार के अनुरोध पर संज्ञान लिया था।

पंजाब के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह ने पीठ को अवगत कराया कि किसानों ने केंद्र के समक्ष बातचीत का प्रस्ताव रखा है, जिसके बाद डल्लेवाल चिकित्सा सहायता प्राप्त करेंगे।

पीठ ने हालांकि बातचीत या कानून-व्यवस्था की स्थिति पर टिप्पणी करने से परहेज किया।

पीठ ने कहा, ‘‘अगर कुछ ऐसा होता है, जो दोनों पक्षों और संबंधित सभी हितधारकों को स्वीकार्य हो, तो हम भी उतने ही खुश होंगे। फिलहाल, हम केवल अपने आदेशों के अनुपालन को लेकर चिंतित हैं। अगर आप और समय चाहते हैं, तो हम विशेष परिस्थितियों में आपको कुछ समय देने को इच्छुक हैं।’’

इसके बाद शीर्ष अदालत ने डल्लेवाल को अस्पताल ले जाने के अपने आदेश के अनुपालन के लिए मामले को दो जनवरी के लिए स्थगित कर दिया।

शीर्ष अदालत ने डल्लेवाल को अस्पताल नहीं ले जाने के लिए पंजाब सरकार की कड़ी आलोचना की। हालांकि, उसे 70 वर्षीय नेता को चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने का विरोध करने के कारण आंदोलनकारी किसानों की मंशा पर संदेह था।

पंजाब सरकार ने कहा कि उसे प्रदर्शनकारी किसानों से भारी प्रतिरोध का सामना करना पड़ा, जिन्होंने डल्लेवाल को घेर लिया और उन्हें अस्पताल ले जाने से रोक दिया।

शीर्ष अदालत ने पंजाब सरकार को स्थिति बदतर होने देने तथा इसपर नियंत्रण के लिए पर्याप्त कदम न उठाने का दोषी ठहराया।

इसने कहा था कि जिन किसान नेताओं ने डल्लेवाल को अस्पताल नहीं ले जाने दिया, वे आत्महत्या के लिए उकसाने के अपराध में शामिल हैं।

डल्लेवाल 26 नवंबर से पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी सीमा बिंदु पर अनिश्चितकालीन अनशन पर हैं, ताकि केंद्र पर फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी सहित किसानों की मांगों को स्वीकार करने का दबाव बनाया जा सके।

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान पिछले साल 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा पर डेरा डाले हुए हैं। सुरक्षा बलों ने उन्हें तब दिल्ली कूच करने से रोक दिया था।

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