वुहान विषाणु विज्ञान प्रयोगशाला के प्रमुख ने संस्थान से कोविड-19 के प्रसार से किया इनकार
कोरोना वायरस महामारी को लेकर पारदर्शिता नहीं बरतने को लेकर दुनिया भर के देश चीन की आलोचना कर रहे हैं। इस वायरस ने दुनियाभर में अब तक 23 लाख लोगों को संक्रमित किया है जबकि एक लाख 60 हजार से ज्यादा लोगों की इसकी वजह से मौत हो चुकी है।
बीजिंग, 19 अप्रैल वुहान में एक शीर्ष चीनी विषाणु विज्ञान प्रयोगशाला ने खुद पर लग रहे कोरोना वायरस संक्रमण के स्रोत होने के आरोपों को पहली बार खारिज किया है। उसने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आरोपों को भी खारिज किया कि यह खतरनाक वायरस दुनिया भर में फैलने और कहर बरपाने से पहले यहीं से शुरू हुआ।
कोरोना वायरस महामारी को लेकर पारदर्शिता नहीं बरतने को लेकर दुनिया भर के देश चीन की आलोचना कर रहे हैं। इस वायरस ने दुनियाभर में अब तक 23 लाख लोगों को संक्रमित किया है जबकि एक लाख 60 हजार से ज्यादा लोगों की इसकी वजह से मौत हो चुकी है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने शनिवार को कहा था कि उनका प्रशासन इस बात की जांच कर रहा है कि नया कोरोना वायरस वुहान की एक प्रयोगशाला से “निकला” और दुनियाभर में फैल गया।
पिछले साल दिसंबर में वुहान में मामला सामने आने के बाद से ही यह कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या यह वायरस वहां वुहान विषाणु विज्ञान संस्थान (डब्ल्यूआईवी) या पास के हुआननान सीफूड मार्केट से निकला है।
डब्ल्यूआईवी और खास तौर पर उसकी पी4 प्रयोगशाला खतरनाक वायरस को संभालने में सक्षम है।
प्रयोगशाला ने यद्यपि फरवरी में एक बयान जारी कर इन अफवाहों का खंडन किया था, उसके निदेशक युआन झिमिंग ने अपने पहले मीडिया साक्षात्कार में इन अफवाहों को खारिज किया कि उनका संस्थान कोविड-19 का वास्तविक स्रोत है।
उन्होंने सरकारी सीजीटीएन टीवी चैनल को बताया, “हम जानते हैं कि संस्थान में किस तरह के शोध हो रहे हैं और संस्थान में वायरसों और नमूनों को कैसे संभाला जाता है। इस बात का सवाल ही नहीं कि वायरस हमसे आया है।”
निदेशक ने कहा, “हमारे यहां सख्त नियामक व्यवस्था है। हमारे यहां शोध के लिए आचार संहिता है इसलिये हमें इसका भरोसा है।”
उन्होंने कहा कि विषाणु विज्ञान संस्थान और पी4 प्रयोगशाला वुहान में है, “लोग कुछ नहीं मिलने पर इस तरह का संबंध स्थापित कर सकते हैं।”
अमेरिका के आरोपों के संदर्भ में युआन ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग “बिना किसी तथ्य या ज्ञान” के लोगों को “जानबूझकर गुमराह” कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह वायरस “मानव निर्मित नहीं हो सकता” और ऐसे कोई साक्ष्य नहीं हैं जो यह साबित करें कि यह कृत्रिम है।
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