वाराणसी (उप्र), 19 मई वाराणसी की अदालत में ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले की अगली सुनवाई 23 मई को होगी। यहां की अदालत ने बृहस्पतिवार को यह नयी तारीख तय की।
हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया कि आज दोनों पक्षों ने अपनी आपत्तियां और जवाबी आपत्तियां दायर की।
उन्होंने बताया कि उच्चतम न्यायालय ने निचली अदालतों को शुक्रवार तक इस मामले में आगे नहीं बढ़ने का निर्देश दिया है, जिसे देखते हुए अदालत ने सुनवाई के लिए 23 मई की तारीख तय की है।
ज्ञानवापी मामले में दाखिल दो याचिकाओं पर बुधवार 18 मई को सुनवाई होनी थी। विशेष सचिव की टिपण्णी से नाराज बनारस बार एसोसिएशन और सेंट्रल बार एसोसिएशन के आह्वान पर 18 मई को अधिवक्ताओं के हड़ताल के चलते सुनवाई नहीं की जा सकी, यह सुनवाई बृहस्पतिवार को की जानी थी।
मंगलवार को रेखा पाठक, मंजू व्यास और सीता साहू ने अदालत में अर्जी देकर कहा था कि जहां कथित शिवलिंग मिला है, उसके पूरब की ओर दीवार में तहखाना है, जिसे ईंट, पत्थर और सीमेंट से बंद कर दिया गया है।
उन्होंने अर्जी में दावा किया कि नंदी जी के मुख के सामने वाले तहखाने को ईंट पत्थर बालू , बांस बल्ली मलबा से ढंक दिया गया है। साथ ही मलबे को हटाकर कमीशन सर्वे कराने का अनुरोध किया था।
अर्जी में अनुरोध किया गया था कि अदालत कमीशन से कथित शिवलिंग की लंबाई, चौड़ाई व ऊंचाई आदि का सर्वे कराकर रिपोर्ट देने का आदेश दे।
अर्जी में अनुरोध किया गया कि अवरोधक के भीतर पश्चिम दीवार के दरवाजे को जिसे मलबे से ढक दिया गया है उसे खुलवाकर सर्वे की करवाई की जाय।
अदालत ने इस अर्जी को स्वीकार करते हुए बुधवार को सुनवाई करने की बात कही थी।
वहीं, जिला शासकीय अधिवक्ता महेंद्र पांडे की ओर से परिसर में स्थित मानव निर्मित तालाब के पानी में से मछलियों को हटाने की मांग करने के साथ ही वजुखाने की पाईप लाइन को स्थानांतरित करने के लिए याचिका मंगलवार को दाखिल की गई थी, जिस पर अदालत द्वारा सुनवाई होनी थी।
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