अहमदाबाद, 21 जनवरी: गुजरात उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को हाल की नाव त्रासदी में छात्रों और शिक्षकों की मौत पर कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है और कहा कि इस घटना ने जनता की अंतररात्मा को झकझोर दिया है. वडोदरा के पास वाघोडिया में न्यू सनराइज स्कूल के 12 विद्यार्थी और दो शिक्षक बृहस्पतिवार को शहर के बाहरी इलाके में स्थित हरनी के मोटनाथ झील में नाव पलटने के कारण डूब गये, जबकि 18 छात्रों और दो शिक्षकों को बचा लिया गया.
उस समय छात्र पिकनिक पर थे. घटना पर स्वत: संज्ञान लेते हुए मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल की अदालत ने 19 जनवरी को एक आदेश में कहा कि यह काफी परेशान करने वाला है कि सुरक्षा मानदंडों का पूरी तरह से उल्लंघन किया गया और बच्चों को लाइफ जैकेट उपलब्ध नहीं कराए गए थे. रविवार को अदालत की वेबसाइट पर उपलब्ध आदेश में कहा गया है इस घटना ने ‘‘आम जनता की अंतरात्मा को झकझोर दिया है’’.
अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 29 जनवरी तय की है. आदेश में कहा गया है, ‘‘हम गुजरात के गृह विभाग के सचिव से अगली तारीख तक विभाग के एक राजपत्रित अधिकारी के हलफनामे के साथ मामले में की गई कार्रवाई रिपोर्ट जमा करने का निर्देश देते हैं.’’
गुजरात उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष, बृजेश त्रिवेदी ने हरनी नाव त्रासदी के संबंध में प्रकाशित खबरों को अदालत के संज्ञान में लाया था.
पुलिस ने 19 लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर-इरादतन हत्या) और 308 (गैर-इरादतन हत्या का प्रयास) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है. एक अधिकारी ने पहले कहा था कि उन्होंने अब तक छह लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि अन्य को पकड़ने के प्रयास जारी हैं.
वडोदरा नगर निगम (वीएमसी) ने अपनी शिकायत में कहा है कि मनोरंजन के उद्देश्यों के लिए झील के किनारे का विकास, संचालन और रखरखाव करने वाली कंपनी और उसके मालिकों, प्रबंधकों और नाव संचालकों ने कई मामलों में आपराधिक लापरवाही बरती. वीएमसी ने ठेकेदार की ओर से नावों का रखरखाव न करने और पर्याप्त संख्या में जीवन रक्षक उपकरण तथा लाइफ जैकेट न रखने सहित विभिन्न खामियों की ओर इशारा किया. वीएमसी ने ‘कोटिया प्रोजेक्ट्स’ का अनुबंध समाप्त कर दिया है.
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