जरुरी जानकारी | जीएसटी परिषद बीमा ‘प्रीमियम’ पर कर में कटौती, कई वस्तुओं पर दर में बदलाव का करेगी फैसला

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. जीएसटी परिषद शनिवार को अपनी बैठक में जीवन व स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर कर की दर कम करने, महंगी कलाई घड़ियों, जूतों और परिधानों पर कर की दर बढ़ाने तथा अहितकर वस्तुओं के लिए अलग से 35 प्रतिशत कर लगाने पर विचार कर सकती है।

जैसलमेर (राजस्थान), 20 दिसंबर जीएसटी परिषद शनिवार को अपनी बैठक में जीवन व स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर कर की दर कम करने, महंगी कलाई घड़ियों, जूतों और परिधानों पर कर की दर बढ़ाने तथा अहितकर वस्तुओं के लिए अलग से 35 प्रतिशत कर लगाने पर विचार कर सकती है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की 55वीं बैठक में करीब 148 वस्तुओं में दर फेरबदल पर चर्चा होने की संभावना है। इसके अलावा, विमानन उद्योग की परिचालन लागत के एक प्रमुख घटक एविएशन टर्बाइन ईंधन (एटीएफ) को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा।

स्विगी और जोमैटो जैसे खाद्य वितरण मंचों पर जीएसटी दर को वर्तमान 18 प्रतिशत (आईटीसी के साथ) से घटाकर पांच प्रतिशत (इनपुट टैक्स क्रेडिट के बिना) करने का प्रस्ताव है।

सूत्रों के अनुसार, फिटमेंट कमेटी (जिसमें केंद्र और राज्यों के कर अधिकारी शामिल हैं) ने इस्तेमाल की गई इलेक्ट्रिक गाड़ियों के साथ-साथ छोटे पेट्रोल तथा डीजल वाहनों की बिक्री पर मौजूदा 12 प्रतिशत से 18 प्रतिशत तक की दर बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है। इस बढ़ोतरी से पुरानी छोटी कारें तथा इलेक्ट्रिक वाहन पुराने बड़े वाहनों के बराबर हो जाएंगे।

इसके अलावा, जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर पर मंत्रियों के समूह (जीओएम) को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए जून 2025 तक छह महीने का विस्तार मिलने की संभावना है। क्षतिपूर्ति उपकर व्यवस्था मार्च 2026 में समाप्त हो जाएगी और जीएसटी परिषद ने उपकर के भविष्य के पाठ को तय करने के लिए केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के नेतृत्व में मंत्रियों की एक समिति का गठन किया है।

जीएसटी व्यवस्था में, अहितकर वस्तुओं पर 28 प्रतिशत कर के अलावा विभिन्न दरों पर क्षतिपूर्ति उपकर लगाया जाता है। उपकर से प्राप्त आय जिसे मूल रूप से जीएसटी लागू होने के बाद पांच साल या जून 2022 तक के लिए नियोजित किया गया था...इसका इस्तेमाल जीएसटी लागू होने के बाद राज्यों को हुए राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए किया गया।

बैठक में एक प्रमुख मुद्दा स्वास्थ्य तथा जीवन बीमा पर जीएसटी दर तय करना है।

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में परिषद द्वारा गठित मंत्री समूह ने नवंबर में अपनी बैठक में टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों के लिए भुगतान किए जाने वाले बीमा प्रीमियम को जीएसटी से छूट देने पर सहमति जताई थी। इसके अलावा वरिष्ठ नागरिकों द्वारा स्वास्थ्य बीमा ‘कवर’ के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम को भी कर से छूट देने का प्रस्ताव किया गया है। वरिष्ठ नागरिकों के अलावा अन्य व्यक्तियों द्वारा पांच लाख रुपये तक के स्वास्थ्य बीमा के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर जीएसटी से छूट देने का भी प्रस्ताव है।

मंत्रियों के समूह ने परिधानों पर कर दरों को तर्कसंगत बनाने का प्रस्ताव भी रखा। उन्होंने 1,500 रुपये तक की लागत वाले तैयार कपड़ों पर पांच प्रतिशत जीएसटी जबकि 1500 रुपये से 10000 रुपये तक की लागत वाले कपड़ों पर 18 प्रतिशत जीएसटी का प्रस्ताव रखा है। वहीं 10,000 रुपये से अधिक कीमत वाले परिधानों पर 28 प्रतिशत कर लगेगा।

मंत्री समूह ने 15,000 रुपये प्रति जोड़ी से अधिक कीमत वाले जूतों पर जीएसटी की दर 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 28 प्रतिशत करने का भी प्रस्ताव रखा है। 19 अक्टूबर को हुई पिछली बैठक में 25,000 रुपये से अधिक मूल्य की कलाई घड़ियों पर जीएसटी दर 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 28 प्रतिशत करने का भी प्रस्ताव किया गया था।

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