हरे कटहल का आटा टाइप 2 मधुमेह को नियंत्रित करने में मददगार: अध्ययन

दैनिक आहार में हरे कटहल का आटा इस्तेमाल किए जाने से टाइप 2 मधुमेह के रोगियों में प्लाज्मा शर्करा के स्तर को कम करने में काफी मदद मिल सकती है. यह बात एक नए अध्ययन में कही गई है और इससे संबंधित रिपोर्ट पत्रिका ‘नेचर’ में प्रकाशित हुई है.

कटहल | प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit- Pixabay)

कोच्चि, 15 जून: दैनिक आहार में हरे कटहल का आटा इस्तेमाल किए जाने से टाइप 2 मधुमेह के रोगियों में प्लाज्मा शर्करा के स्तर को कम करने में काफी मदद मिल सकती है. यह बात एक नए अध्ययन में कही गई है और इससे संबंधित रिपोर्ट पत्रिका ‘नेचर’ में प्रकाशित हुई है. अध्ययन ए गोपाल राव, के. सुनील नाइक, ए जी उन्नीकृष्णन और जेम्स जोसेफ द्वारा किया गया जिन्होंने हरे कटहल के आटे ‘जैकफ्रूट 365’ के प्रभाव का मूल्यांकन किया. यह पेटेंट प्राप्त एक उत्पाद है जो भारत के हरे कटहल से बना है. इसमें 40 लोगों को शामिल किया गया और हरे कटहल के आटे का इस्तेमाल करने वाले समूह में एचबीए1सी के स्तर में काफी कमी देखी गई.

अध्ययन में खाली पेट और भोजन के बाद, दोनों समय के शर्करा स्तर का मूल्यांकन किया गया और पता चला कि आहार में कटहल के आटे का इस्तेमाल किए जाने के सात दिन के भीतर औसत रक्त शर्करा स्तर में कमी आ गई. यह अध्ययन मई 2019 से फरवरी 2020 के बीच किया गया जिसमें 18 से 60 साल की उम्र तक के लोगों को शामिल किया गया.

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उन्नीकृष्णन ने कहा कि इस अध्ययन से मधुमेह के इलाज में चिकित्सीय आहार पद्धति के लिए हरे कटहल के लाभों का पता चलता है तथा ये परिणाम पारंपरिक भारतीय आहार पर आगे और अनुसंधान के लिए प्रेरित कर सकते हैं.

वहीं, अध्ययन के सह लेखक एवं स्टार्टअप ‘जैकफ्रूट 365’ के मालिक जोसेफ ने पीटीआई- से कहा कि नवंबर 2014 में पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम से हुई एक मुलाकात से हरे कटहल के पेटेंट प्राप्त आटे के विकास की प्रेरणा मिली.

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