देश की खबरें | पंजाब में ग्राम पंचायत चुनाव मंगलवार को होंगे

अधिकारियों ने सोमवार को घोषणा की कि सरपंच और पंच पद के लिए मतदान सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक मत पत्रों के माध्यम से होगा।

उन्होंने बताया कि मतों की गणना कल शाम से मतदान केन्द्र पर की जाएगी।

राज्य में 13,000 से अधिक ग्राम पंचायतों के लिए हो रहे चुनाव के लिए 19,000 से अधिक मतदान केंद्र बनाये ये हैं ।

पिछले महीने विधानसभा द्वारा पारित पंजाब पंचायती राज (संशोधन) विधेयक 2024 के मद्देनजर उम्मीदवार राजनीतिक दलों के चिन्हों का इस्तेमाल नहीं करेंगे।

पंचायत चुनाव के लिये कुल 1.33 करोड़ पंजीकृत मतदाता हैं जिनमें 70.51 लाख पुरुष और 63.46 लाख महिला मतदाता हैं।

पंजाब कांग्रेस ने सोमवार को पंचायत चुनाव तीन हफ्ते के लिए स्थगित करने की मांग की और आरोप लगाया कि नामांकन प्रक्रिया के दौरान अनियमितताएं हुईं तथा उसे डर है कि मतदान के दौरान भी ऐसी ही अनियमितताएं हो सकती हैं।

पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा के नेतृत्व में पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने यहां पंजाब राज्य चुनाव आयुक्त से भी मुलाकात की।

बाजवा ने बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने राज्य चुनाव आयुक्त से पंचायत चुनाव तीन सप्ताह के लिए स्थगित करने का अनुरोध किया।

उन्होंने आरोप लगाया कि नामांकन प्रक्रिया के दौरान “बड़े पैमाने पर अनियमितताएं” की गईं और कई पर्चों को “गलत तरीके से” खारिज कर दिया गया।

बाजवा ने कहा कि विपक्ष समर्थित कई उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करने के दौरान आवश्यक अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं दिए गए।

उन्होंने यह भी बताया कि पंचायत चुनावों के लिए एक जनवरी 2023 की मतदाता सूची पर विचार किया गया है, न कि लोकसभा चुनावों के लिए एक जनवरी 2024 को जारी मतदाता सूची पर विचार किया गया है।

आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और सांसद मलविंदर सिंह कंग ने कहा कि बाजवा “बड़ी हार के डर से” चुनाव टालने की बात कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, “ग्रामीण कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों को कोई महत्व नहीं दे रहे हैं, क्योंकि उन्होंने अतीत में उनके कृत्य देखे हैं। इस बार लोगों ने ‘आप’ से जुड़े उम्मीदवारों को सरपंच चुनने का फैसला किया है। लोग पंजाब की तरक्की में योगदान देने के लिए मान सरकार का समर्थन करना चाहती है।"

कंग ने एक बयान में कहा, “यही कारण है कि अकाली दल और कांग्रेस के नेता चिंतित हैं।”

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पिछली कांग्रेस और अकाली सरकारों के दौरान पंचायत चुनावों के दौरान “व्यापक हिंसा” होती थी।

कंग ने कहा, “ ‘आप’ सरकार ने इस संस्कृति को समाप्त कर दिया है और चुनावों को अधिक पारदर्शी बना दिया है। इसलिए हमारी सरकार ने फैसला किया है कि सरपंच गांव से होना चाहिए, किसी पार्टी से नहीं। इससे कांग्रेस और अकाली नेता परेशान हैं।”

इससे पहले भी विपक्षी दलों ने ‘आप’ सरकार पर विपक्ष समर्थित उम्मीदवारों के नामांकन खारिज करने के लिए राज्य मशीनरी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था।

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