जरुरी जानकारी | सरकार की कुल देनदारी दिसंबर तिमाही में दो प्रतिशत बढ़कर 128.41 लाख करोड़ रुपये रही
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. सरकार की कुल देनदारी दिसंबर तिमाही में बढ़कर 128.41 लाख करोड़ रुपये पहुंच गयी। जबकि इससे पहले, सितंबर 2021 को समाप्त तिमाही में यह 125.71 लाख करोड़ रुपये थी। सार्वजनिक ऋण प्रबंधन रिपोर्ट में यह कहा गया है।
नयी दिल्ली, 28 मार्च सरकार की कुल देनदारी दिसंबर तिमाही में बढ़कर 128.41 लाख करोड़ रुपये पहुंच गयी। जबकि इससे पहले, सितंबर 2021 को समाप्त तिमाही में यह 125.71 लाख करोड़ रुपये थी। सार्वजनिक ऋण प्रबंधन रिपोर्ट में यह कहा गया है।
तिमाही-दर-तिमाही आधार पर वित्त वर्ष 2021-22 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में यह 2.15 प्रतिशत बढ़ी।
निरपेक्ष रूप से कुल देनदारी दिसंबर, 2021 में उछलकर 1,28,41,996 करोड़ रुपये पर पहुंच गयी। इसमें सरकार के सार्वजनिक खाते के तहत आने वाली देनदारी शामिल है। 30 सितंबर को समाप्त तिमाही में कुल देनदारी 1,25,71,747 करोड़ रुपये थी।
वित्त मंत्रालय की सोमवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर तिमाही में कुल बकाया देनदारी में सार्वजनिक ऋण की हिस्सेदारी 91.60 प्रतिशत रही। जबकि सितंबर, 2021 को समाप्त तिमाही में यह 91.15 प्रतिशत थी।
कुल देनदारी में करीब 25 प्रतिशत दिनांकित प्रतिभूतियां (लंबी अवधि की प्रतिभूतियां) हैं, जिनके परिपक्व होने की शेष अवधि पांच साल से कम है।
केंद्र सरकार की प्रतिभूतियों के स्वामित्व प्रतिरूप से पता चलता है कि वाणिज्यिक बैंकों की हिस्सेदारी दिसंबर, 2021 को समाप्त तिमाही में 35.40 प्रतिशत थी। यह सितंबर, 2021 को समाप्त तिमाही में 37.82 प्रतिशत से कम है।
बयान के अनुसार, ‘‘बीमा कंपनियों और भविष्य निधि की हिस्सेदारी दिसंबर, 2021 में क्रमश: 25.74 प्रतिशत और 4.33 प्रतिशत थी। वहीं म्यूचुअल फंड की हिस्सेदारी 3.08 प्रतिशत रही जबकि सितंबर, 2021 को समाप्त तिमाही में यह 2.91 प्रतिशत थी। रिजर्व बैंक की हिस्सेदारी दिसंबर, 2021 को समाप्त तिमाही में घटकर 16.92 प्रतिशत रही, जो सितंबर, 2021 को समाप्त तिमाही में 16.98 प्रतिशत थी।
केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही में 2,88,000 करोड़ रुपये की दिनांकित प्रतिभूतियां जारी कीं, जबकि वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही में यह 2,83,975 करोड़ रुपये थी। वहीं भुगतान 75,300 करोड़ रुपये रहा।
आलोच्य तिमाही में सरकारी प्रतिभूतियों पर प्रतिफल बढ़ा है। दस साल की अवधि वाली प्रतिभूतियों पर प्रतिफल तीसरी तिमाही में 6.22 प्रतिशत से बढ़कर 6.45 प्रतिशत हो गया। यानी अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में इसमें 0.23 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
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