नयी दिल्ली, 11 फरवरी कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार अडाणी समूह की हर तरीके से मदद कर रही है, ताकि वह बंदगाह के क्षेत्र में एकाधिकार स्थापित कर सके।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से यह सवाल भी किया कि क्या गंभीर आरोपों का सामना कर रहे किसी कारोबारी समूह को बंदरगाह जैसे महत्वपूर्ण रणनीतिक क्षेत्र में वर्चस्व बनाने दिया जा सकता है?
रमेश ने कांग्रेस की ‘हम अडाणी के हैं कौन’ श्रृंखला के तहत पिछले कुछ दिनों की तरह शनिवार को भी सरकार और प्रधानमंत्री से कुछ सवाल किए।
उन्होंने अडाणी समूह द्वारा कुछ बंदरगाहों का अधिग्रहण किए जाने का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘ क्या आपका (प्रधानमंत्री) इरादा अपने पसंसदीदा कारोबारी समूह द्वारा हर महत्वपूर्ण निजी बंदरगाह का अधिग्रहण होने देना है या फिर दूसरी निजी कंपनियों के लिए भी कोई मौका है?’’
काग्रेस महासचिव ने यह सवाल भी किया, ‘‘ क्या राष्ट्रीय सुरक्षा के नजरिये से यह सही है कि धनशोधन और शेल कंपनियों के गंभीर आरोपों का सामना कर रहे समूह को बंदरगाह जैसे महत्वपूर्ण रणनीतिक क्षेत्र में वर्चस्व बनाने दिया जाए?’’
रमेश ने आरोप लगाया कि हवाई अड्डों के साथ बंदरगाह के क्षेत्र में सरकार अडाणी की एकाधिकार स्थापित करने में मदद कर रही है।
उन्होंने यह भी पूछा कि क्या अडाणी के वाणिज्यिक हितों की पूर्ति के लिए रियायत संबंधी समझौतों को बदला गया है?
अमेरिका की वित्तीय शोध कंपनी ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ द्वारा गौतम अडाणी के नेतृत्व वाले समूह पर फर्जी लेनदेन और शेयर की कीमतों में हेरफेर सहित कई गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद समूह के शेयर की कीमतों में गिरावट आई है।
वहीं, अडाणी समूह ने कहा है कि वह सभी कानूनों और सूचना प्रकट करने संबंधी आवश्यकताओं का अनुपालन करता है।
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