नयी दिल्ली,9 सितंबर: सरकार ने बृहस्पतिवार को रखरखाव, मरम्मत और पूर्ण जांच (एमआरओ) गतिविधियों के लिए एक नई नीति की घोषणा की.नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ( Jyotiraditya Scindia)ने कहा कि इसका उद्देश्य भारत को एमआरओ का वैश्विक केंद्र बनाना है.उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि एमआरओ के संबंध में असैन्य और सैन्य कार्यों के बीच तालमेल पर भी चर्चा चल रही है. यह भी पढ़े: मुंबई में प्रशासनिक और तकनीकी कारणों से शुक्रवार को बंद रहेंगे टीकाकरण केंद्र
एमआरओ गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने दिल्ली और कोलकाता सहित आठ हवाई अड्डों का चयन किया है. इस समय ऐसे ज्यादातर काम देश के बाहर किए जाते हैं.पिछले साल मार्च में जीएसटी परिषद ने एमआरओ सेवाओं पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने का फैसला किया था.इस मौके पर सिंधिया ने देश के नागरिक उड्डयन क्षेत्र के लिए 100 दिवसीय कार्य योजना की घोषणा की, जिसमें नीतिगत उपायों के साथ ही हवाई अड्डों के विकास से जुड़ी योजनाएं शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि योजना 16 क्षेत्रों पर केंद्रित होगी और इसे संयुक्त परामर्श के बाद तैयार किया गया है.इन 16 क्षेत्रों में से आठ नीति से संबंधित हैं और चार का संबंध सुधारों से है.क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना उड़ान के तहत हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में छह हेलीपोर्ट विकसित किए जाएंगे.
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)