देश की खबरें | आगामी बजट में ‘कर के आतंक’ और ‘जनता से लूट’ पर विराम लगाए सरकार: कांग्रेस

नयी दिल्ली, नौ जनवरी कांग्रेस ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को ‘‘गृहस्थी सत्यानाश टैक्स’’ करार देते हुए बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने जीएसटी को गरीब और मध्यम वर्ग से उनकी गाढ़ी कमाई लूटने का माध्यम बना दिया है।

पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने यह भी कहा कि सरकार को अगले महीने पेश होने वाले केंद्रीय बजट में ‘‘कर के आतंक’’ और ‘‘जनता से लूट’’ पर विराम लगाना चाहिए।

कांग्रेस के 12 नेताओं ने बृहस्पतिवार को ‘जीएसटी की त्रासदी’ विषय पर देश के 12 अलग-अलग शहरों में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया।

खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘गब्बर सिंह टैक्स कहें या ‘‘गृहस्थी सत्यानाश टैक्स’’ या फ़िर ‘गिव सीतारमण टैक्स’’। भाजपा के जीएसटी को हम जिस भी नाम से संबोधित करें, एक बात तय है कि मोदी सरकार ने जीएसटी को गरीब और मध्यम वर्ग से उनकी गाढ़ी कमाई लूटने का माध्यम बना दिया है।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘नौ प्रकार की जीएसटी दर इसे ‘‘गुड एंड सिंपल टैक्स’ नही, "जटिल और बेतुका" बनाते हैं।

खरगे ने कहा, ‘‘ मोदी सरकार रिकॉर्ड जीएसटी संग्रह का जश्न मनाकर जनता के जले पर नमक छिड़कने का काम करती है। कुल जीएसटी का दो तिहाई हिस्सा यानी 64 प्रतिशत गरीब और मध्य वर्ग की जेब काट कर आता है, पर अरबपतियों से केवल तीन प्रतिशत जीएसटी वसूला जाता है, जबकि कॉरपोरेट कर की दर 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत कर दी गई है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी की मांग है कि आनेवाले आम बजट में मोदी सरकार ‘कर के आतंक’ और जनता से लूट पर विराम लगाए।’’

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि आम जनता के लिए जीएसटी का मतलब "गृहस्थी सत्यानाश टैक्स" हो गया है

गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘ कॉरपोरेट को लाखों करोड़ का जीवनदान देने वाली भाजपा सरकार गरीब और मध्यवर्ग से जीवनबीमा और जीवन की बुनियादी जरूरतों पर भी टैक्स वसूल रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुल जीएसटी का करीब 90 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा सबसे गरीब और मध्य वर्ग से वसूला जा रहा है जबकि सबसे ज्यादा आय वाली 10 प्रतिशत आबादी का जीएसटी में योगदान सिर्फ तीन प्रतिशत है।’’

उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट कर की दर 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत कर दी और गरीब जनता से रोटी-दाल और चना-चबैना पर भी वसूली हो रही है।

कांग्रेस महासचिव ने आरोप लगाया, ‘‘आम जनता के लिए जीएसटी का मतलब "गृहस्थी सत्यानाश टैक्स" हो गया है।’’

कांग्रेस की गुजरात इकाई के अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य शक्ति सिंह गोहिल ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि जीएसटी की संकल्पना एक सरल कर प्रणाली के रूप में की गई थी, लेकिन मोदी सरकार ने सब कुछ इसके उलट किया।

उन्होंने कहा, ‘‘ पॉपकॉर्न पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगा दी जाती है। यह कर का आतंक है। कपास की पैदावार के बिकने से पहले ही उस पर जीएसटी लग जाती है और रिफंड किसान को तभी मिलेगा जब वह अपनी उपज दूसरे को बेचेगा। किसानों को जीएसटी की मार झेलनी पड़ रही है।’’

गोहिल ने दावा किया कि वर्तमान समय में स्थिति यह है कि आम नागरिक महीने में जितना पैसा कमाता है, उसमें से ज्यादातर पैसे खर्च हो जाते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी ने कहा था कि जीएसटी लोगों को राहत देने के लिए है, उनको लूटने के लिए नहीं है, लेकिन भाजपा ने उसका उल्टा कर दिया।’’

कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘‘कुल जीएसटी संग्रह में देश के आम नागरिकों की भागीदारी दो तिहाई से ज्यादा है, लेकिन मोदी जी के चहेते लोगों की भागीदारी सिर्फ तीन प्रतिशत है। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह अंतर कितना बड़ा है।’’

उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि मोदी सरकार के 10 साल में अमीर और गरीब के बीच खाई बहुत बढ़ गई है जो अंग्रेजों के शासन के मुकाबले अधिक है।

अहमदाबाद में कांग्रेस के प्रवक्ता रंगराजन मोहन कुमारमंगलम ने एक संवाददाता सम्मलेन में कहा कि देश उस स्थिति पर पहुंच गया है जहां मध्यम वर्ग सरकार के कर राजस्व को सहारा दे रहा है क्योंकि कॉर्पोरेट व्यवसाय में मंदी के कारण अधिक कर राजस्व का भुगतान नहीं कर रहे हैं।

मौजूदा प्रणाली को "कर आतंकवाद" बताते हुए कांग्रेस नेता ने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी "दोषपूर्ण" जीएसटी प्रणाली को सुधारेंगे।

हक

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)