यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, नैनीताल जिले के हल्द्वानी में सर्किट हाउस में अधिकारियों की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि विभिन्न प्रांतों से राज्य के लोगों को वापस लाने का निर्णय सरकार ने लिया है और पहले से ही यह अनुमान था कि बाहर से लोगों को लाने पर कोरोना वायरस के मामले बढेंगे, इसलिए सरकार पहले से ही तैयारियों में जुटी है ।
प्रवासियों का आना शुरू होने के बाद पिछले कुछ दिनों में प्रदेश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है और अब तक यहां 349 मामले सामने आ चुके है ।
उन्होने कहा कि सरकार हर परिस्थिति से लड़ने और निपटने के लिए तैयार तथा सक्षम है । समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह तथा स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने कहा ‘‘कोरोना वायरस के संक्रमण की दृष्टि से आने वाले 10 दिन काफी अहम होंगे और ऐसे में हमें एहतियात बरतने की जरूरत होगी तथा संयम से कार्य करना व रहना होगा ।’’
इस मुश्किल समय में पृथक-वास के नियमों का पालन करने का आग्रह करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जो व्यक्ति इसका पालन नही करते, उनसे सख्ती से इसका पालन करवाया जाए।
उन्होने कहा कि संक्रमण का दौर में जनता भी अपनी जिम्मेदारियां समझे व इस लडाई मे सहयोग करें।
रावत ने कहा कि पृथक-वास में रखे गए लोगों की रिपोर्ट अगर अगले 10 दिन में नेगेटिव आती है और साथ ही उनमें दूसरे लक्षण भी नहीं दिखते हैं तो ऐसे लोगों को घर भी भेजा जा सकता है।
उन्होने सभी अधिकारियों व कर्मचारियों से कहा कि वे पूरी तत्परता, कार्य कुशलता एवं निष्ठा और टीम भावना के साथ संक्रमण काल में दायित्वों का निर्वहन करें।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि राज्य में अब तक 1.54 लाख लोग आ चुके हैं और विभिन्न प्रान्तों से उत्तराखण्ड आने के लिए 2.47 लाख लोगों ने पंजीकरण कराया है।
उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रान्तों से लोगों का आना जारी है इसलिए आने वाले समय में कोविड केयर चिकित्सालय में पर्याप्त व्यवस्थाओं के साथ ही पृथक-वास केंद्रों में भी पर्याप्त व्यवस्थायें रखी जाएं।
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