जरुरी जानकारी | एमएसपी पर सोयाबीन की सरकारी खरीद कल से, अधिकांश तेल-तिलहन में मजबूती

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. देश में 25 अक्टूबर से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सोयाबीन की सरकारी खरीद शुरू होने की संभावना के बीच थोक तेल-तिलहन बाजार में बृहस्पतिवार को अधिकांश तेल-तिलहन कीमतों में मजबूती दिखी तथा सरसों एवं सोयाबीन तेल-तिलहन, कच्चे पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तेल और बिनौला तेल के दाम बढ़त के साथ बंद हुए। ऊंचे दाम पर कम कारोबार के साथ-साथ बाजार में आवक बढ़ने के बीच मूंगफली तेल-तिलहन कीमतें पूर्वस्तर पर बंद हुईं।

नयी दिल्ली, 24 अक्टूबर देश में 25 अक्टूबर से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सोयाबीन की सरकारी खरीद शुरू होने की संभावना के बीच थोक तेल-तिलहन बाजार में बृहस्पतिवार को अधिकांश तेल-तिलहन कीमतों में मजबूती दिखी तथा सरसों एवं सोयाबीन तेल-तिलहन, कच्चे पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तेल और बिनौला तेल के दाम बढ़त के साथ बंद हुए। ऊंचे दाम पर कम कारोबार के साथ-साथ बाजार में आवक बढ़ने के बीच मूंगफली तेल-तिलहन कीमतें पूर्वस्तर पर बंद हुईं।

शिकॉगो और मलेशिया एक्सचेंज काफी मजबूत चल रहा है।

बाजार सूत्रों ने कहा कि 25 अक्टूबर से सरकार लूज में सोयाबीन की नये एमएसपी 4,892 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से खरीद शुरू करेगी जिससे किसान काफी खुश हैं। इस अनुकूल खबर के बीच बाकी तेल-तिलहन भी अछूते नहीं रहे और उनकी कीमतें भी मजबूत होती दिखीं।

आवक बढ़ने के बीच ऊंचे भाव पर कम कारोबार से मूंगफली तेल-तिलहन कीमतों में स्थिरता रही। हालांकि, अब भी मूंगफली, सूरजमुखी एमएसपी से कम दाम पर बिकना जारी है।

सूत्रों ने कहा कि नेपाल के रास्ते खाद्य तेलों का शुल्कमुक्त आयात शुरू होने से लगभग 10 दिन पहले सोयाबीन तेल पांच रुपये किलो प्रीमियम दाम के साथ बिक रहा था जो नेपाल से शुल्कमुक्त आयात शुरू होने के बाद अब सात रुपये किलो के नुकसान के साथ बिकने लगा है। इस आयात की मार हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों तक पहुंच रही है। इस ओर ध्यान देना होगा क्योंकि दिसंबर-जनवरी-फरवरी में देश में सूरजमुखी की नई फसल की बिजाई शुरू होनी है जो सस्ते शुल्कमुक्त आयात के कारण गंभीर रूप से प्रभावित हो सकती है। सरकार को ऐसे आयातित तेल को बिहार, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में राशन दुकानों से बंटवाकर बाकी राज्यों पर होने वाले दुष्प्रभाव को रोकने के बारे में विचार करना होगा।

सूत्रों ने कहा कि जिस तरह विदेशों में बायो-डीजल निर्माण के लिए पाम और सोयाबीन तेल का इस्तेमाल बढ़ रहा है उसे देखते हुए आने वाले दिनों में खाद्य तेल की आपूर्ति का संकट बढ़ सकता है और कीमतें आसमान छू सकती हैं। इसे देखते हुए देश को अपना तेल-तिलहन उत्पादन बढ़ाने की ओर ध्यान देने की जरूरत है। जरूरी खाद्य वस्तुओं के लिए आयात पर बढ़ती निर्भरता कहीं से भी उचित नहीं है।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन - 6,500-6,550 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली - 6,350-6,625 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 15,100 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल - 2,270-2,570 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 13,550 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,165-2,265 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,165-2,290 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,600 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,100 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 10,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 12,350 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,600 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,800 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 12,750 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना - 4,750-4,800 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,450-4,685 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का)- 4,200 रुपये प्रति क्विंटल।

राजेश राजेश अजय

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\