देश की खबरें | सरकार ने चिकित्सा ऑक्सीजन के बेहतर प्रबंधन के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. कोविड-19 महामारी के दौरान देश भर में चिकित्सा ऑक्सीजन की भारी कमी से सीख लेते हुए सरकार ने बुधवार को स्वास्थ्य कर्मियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया ताकि गैस का तर्कसंगत उपयोग सुनिश्चित हो और इसकी किसी भी तरह की बर्बादी से बचा जा सके।

नयी दिल्ली, 22 दिसंबर कोविड-19 महामारी के दौरान देश भर में चिकित्सा ऑक्सीजन की भारी कमी से सीख लेते हुए सरकार ने बुधवार को स्वास्थ्य कर्मियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया ताकि गैस का तर्कसंगत उपयोग सुनिश्चित हो और इसकी किसी भी तरह की बर्बादी से बचा जा सके।

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने यहां एम्स में राष्ट्रीय ऑक्सीजन प्रबंधन कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कहा कि देश में कोविड महामारी के दौरान चिकित्सा ऑक्सीजन की मांग में भारी वृद्धि हुयी। इसलिए इसका तर्कसंगत उपयोग अनिवार्य होने के साथ ही समय की मांग बन गया है।

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार इस पहल का मकसद ऑक्सीजन प्रबंधन और प्रशासन में लगे सभी स्वास्थ्य कर्मियों को आवश्यक ज्ञान और कौशल के साथ सशक्त बनाना है ताकि इसका तर्कसंगत उपयोग सुनिश्चित हो सके तथा इसकी किसी भी तरह की बर्बादी से बचा जा सके।

बयान के अनुसार इस कार्यक्रम में देश भर के प्रत्येक जिले में कम से कम एक "ऑक्सीजन प्रबंधक" की पहचान कर उन्हें प्रशिक्षित करने की परिकल्पना की गई है। ये प्रशिक्षित पेशेवर अपने-अपने जिलों में ऑक्सीजन थेरेपी और प्रबंधन पर प्रशिक्षण का नेतृत्व करेंगे और ऑक्सीजन वितरण के अंकेक्षण और मांग में वृद्धि की स्थिति में तैयारियों में मदद करेंगे।

पवार ने कहा, "ऑक्सीजन जीवन रक्षक है और न सिर्फ कोविड-19 बल्कि कई बीमारियों के इलाज में काफी महत्वपूर्ण है। देश में महामारी के दौरान ऑक्सीजन की मांग में वृद्धि देखी गयी। इसलिए, ऑक्सीजन का तर्कसंगत उपयोग अनिवार्य होने के साथ ही समय की मांग बन गया हैं।"

पवार ने ऑक्सीजन की उपलब्धता में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए सरकार के प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि उसने 1,500 से अधिक ‘पीएसए’ ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों के लिए मंजूरी दी है जिनमें से 1,463 शुरू हो गए हैं। इनमें प्रत्येक जिले में ‘पीएमकेयर फंड’ के तहत स्थापित 1,225 इकाइयां शामिल हैं।

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल ने जोर दिया कि सभी देशों को संसाधनों की कमी का सामना करना पड़ता है लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि उपलब्ध संसाधनों का विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग किया जाए। उन्होंने ऑक्सीजन प्रशासन में दक्षता सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए इस पहल की सराहना की।

बयान के अनुसार स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान न केवल चिकित्सा ऑक्सीजन की मांग में वृद्धि हुयी बल्कि इसकी समय पर आपूर्ति की भी आवश्यकता महसूस की गयी।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने ऑक्सीजन उत्पादन और वितरण तंत्र को मजबूत बनाने में राज्यों का समर्थन किया है, लेकिन ऑक्सीजन के प्रशासन में शामिल पेशेवरों के प्रशिक्षण में अंतराल दिख रहा था।

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