ताजा खबरें | सरकार समस्याओं का हल करने के बजाय अपनी पीठ थपथपा रही : विपक्ष

नयी दिल्ली, दो फरवरी सरकार पर हर मोर्चे पर विफल रहने का आरोप लगाते हुए विपक्षी दलों ने शुक्रवार को कहा कि महंगाई, बेरोजगारी, शिक्षा से लेकर विभिन्न समस्याओं को हल करने के बजाय वह अपनी पीठ खुद ही थपथपा रही है और ‘सबका साथ, सबका विकास’ करने का उसका दावा सच से परे है। वहीं सत्ता पक्ष ने कहा कि मोदी सरकार तोहफे बांटने में विश्वास नहीं करती बल्कि देश को 2047 तक विकसित भारत बनाने के लक्ष्य के साथ काम कर रही है।

भाजपा की कविता पाटीदार ने उच्च सदन में राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने देश की महिलाओं की किस्मत को संवारने के लिए विभिन्न योजनाओं को लागू किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत दस करोड़ से अधिक माताओं को उस धुएं से मुक्ति मिली जो उन्हें दमा जैसी बीमारी के कगार पर पहुंचा देता है।

उन्होंने कहा कि इस बार की गणतंत्र दिवस परेड भी नारी शक्ति को समर्पित की गयी थी। उन्होंने कहा कि आज देश की करीब दस करोड़ महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ गयी हैं।

भाजपा सदस्य ने ध्यान दिलाया कि अमृत काल की शुरुआत में बने नये संसद भवन में अपने जीवन को कर्म से गढ़ने वाली नारी शक्ति की परिचायिका राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में सरकार की उपलब्धियों को जनता के सामने रखा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने अयोध्या में राम मंदिर में हुई प्राण प्रतिष्ठा के मनोभाव को ध्यान में रखते हुए सरकार के देश को विकसित बनाने के संकल्प को दोहराया जो रामराज्य की स्थापना की ओर एक कदम होगा।

पाटीदार जब अपनी बात रख रही थीं, उसी दौरान कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश करने के बाद उस पर संशोधन पेश किए जाते हैं। किंतु सभापति जगदीप धनखड़ ने उनकी आपत्ति को खारिज कर दिया। सभापति ने धन्यवाद प्रस्ताव पेश हो जाने के बाद इन पर विभिन्न सदस्यों के संशोधन रखवाये।

भाजपा सदस्य पाटीदार ने सेना, कोविड संकट के समय टीका निर्माण तथा चंद्रयान अभियान सहित विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की बढ़ती भूमिका का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने नारी के अधिकारों में वृद्धि कर उनके सम्मान को बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि युवा, महिला, किसान एवं गरीब ऐसे चार वर्ग हैं जो सरकार की प्राथमिकताओं के केंद्र में हैं।

उन्होंने कहा कि आज गांवों में चार लाख किलोमीटर सड़कें बिछाने का काम हो या नये हवाई अड्डों का निर्माण या रेलवे पटरियों एवं बंदरगाह का निर्माण, सरकार हर क्षेत्र में तेजी से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात को बताने में खुशी होती है कि न केवल प्रधानमंत्री बल्कि उनके मंत्रिमंडल के कई सदस्य और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ओबीसी वर्ग से हैं और इसकी योजनाएं ओबीसी हितैषी हैं।

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कई बार यह कह चुके हैं कि पिछली सरकारों ने कई काम नहीं किए।

खरगे ने कहा कि राष्ट्र के निर्माताओं को कभी नहीं भुलाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही देश को ऊपर लाने का काम करती है और जब तक लोग शिक्षित नहीं होंगे, संविधान की रक्षा नहीं करेंगे तो कमजोर वर्ग के लोगों और गरीबों को विकास का लाभ नहीं मिलेगा।

उन्होंने कहा कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने शिक्षा को सबसे अधिक प्राथमिकता दी और कई बड़े बड़े शिक्षण संस्थानों की स्थापना की। उन्होंने कहा कि चाहे मेडिकल कॉलेज हो, इंजीनियरिंग कॉलेज हो, उनका लाभ सभी को मिलना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि देश में अनुसूचित जाति एवं जनजाति एवं ओबीसी छात्रों को 27 प्रतिशत आरक्षण इन संस्थानों में मिलना चाहिए किंतु कोई न कोई बहाना बनाकर इस वर्ग के बच्चों को यह लाभ नहीं मिल रहा है।

नेता प्रतिपक्ष ने यह भी दावा किया सामाजिक न्याय विभाग से इन बच्चों को मिलने वाली छात्रवृत्ति भी कई लाभार्थियों को नहीं मिल पा रही है। उन्होंने किसी का नाम लिये बिना कहा कि एक व्यक्ति जो पार्टी बदल चुका है और अब एक मुख्यमंत्री है उसने एक विवादास्पद बयान दिया है। इसके बाद जब खरगे ने वह बयान पढ़ा तो सभापति धनखड़ ने इस बयान को सदन की कार्यवाही से निकाल दिया।

खरगे ने बेरोजगारी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि लोग पढ़े लिखे हैं किंतु उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि अभिभाषण में बेरोजगारी के मुद्दे पर कुछ नहीं कहा गया है।

उन्होंने कहा कि पिछड़े इलाकों में बहुत कुछ किया जाना है। उन्होंने कहा कि आज पब्लिक सेक्टर लगातार बंद हो रहे हैं लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं है। ‘‘निजी क्षेत्र पर ध्यान देने के बजाय पब्लिक सेक्टर पर ध्यान दिया जाना चाहिए और इसे खत्म करने की जगह इसकी खामियों को दूर किया जाना चाहिए।’’

सेना में भर्ती की अल्पकालिक ‘अग्निपथ’ योजना का जिक्र करते हुए खरगे ने कहा ‘‘अग्निवीर चार साल के बाद कहां जाएंगे ? पहले कहा गया कि 100 लोगों में से केवल 25 को हटाया जाएगा, शेष 75 को रखा जाएगा। लेकिन आज हालत इसके बिल्कुल उलट है।’’

कांग्रेस अध्यक्ष ने महंगाई का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा ‘‘टमाटर, प्याज, तेल, अनाज, दाल... ऐसी कौन सी चीज है जिसके दाम दोगुने नहीं हुए।’’ उन्होंने कहा कि महंगाई की वजह से आम आदमी चौतरफा परेशानियों का सामना कर रहा है।

खरगे ने किसानों का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार ने उनकी आमदनी दोगुना करने का और न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने का भी वादा किया था लेकिन यह वादा ही रहा और किसानों की आमदनी में सालाना 1.5 फीसदी की गिरावट आई। उन्होंने कहा ‘‘पिछले पांच साल में कृषि के बजट में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि लौटाई गई है।’’

उन्होंने कहा कि वह सामाजिक न्याय के लिए जातीय जनगणना चाहते हैं क्योंकि इससे वास्तविक स्थिति का पता चलेगा और फिर जरूरी योजनाएं बनाई जा सकती हैं। ‘‘जो लोग सामाजिक न्याय में विश्वास रखते हैं, वे जरूर इसे मानेंगे।’’

उन्होंने दावा किया कि देश में हर दो घंटे में अनुसूचित जाति जनजाति के पांच लोग अत्याचार के शिकार होते हैं और महिलाएं भी अत्याचार की शिकार हो रही हैं। उन्होंने कहा कि ओलंपिक पदक विजेताओं को भी न्याय नहीं मिला और आरोपियों को बचाया गया।

मणिपुर की स्थिति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस राज्य के हालात को लेकर चुप्पी क्यों साध रखी है।

उन्होंने गुजरात दंगों से जुड़े बिल्कीस बानो मामले का जिक्र करते हुए कहा कि मामले के दोषियों को रिहा किए जाने पर भी कुछ नहीं कहा गया, उल्टे उनका स्वागत किया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को अपने राज्य में हुई इस घटना की निंदा करनी चाहिए थी।

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