सरकार ने निवेशकों की मदद के लिए ’अग्रणी क्षेत्रों’ की पहचान की
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव गुरुप्रसाद मोहपात्रा ने कहा कि भारत को विनिर्माण क्षेत्र में अपना सही स्थान फिर लेना चाहिए। उन्होंने चीन के संदर्भ में कहा कि सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया ने विनिर्माण का अवसर एक खास देश (चीन) के लिए छोड़ दिया।
नयी दिल्ली, 17 मई सरकार ने चमड़ा, रत्नाभूषण, नवीकरणीय ऊर्जा, दवा और कपड़ा समेत कई क्षेत्रों की पहचान ‘अग्रणी क्षेत्र’ के तौर पर की है। देश में विनिर्माण क्षमताओं को बेहतर बनाने के लिए सरकार इन क्षेत्रों में निवेश के लिए निवेशकों की मदद करेगी।
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव गुरुप्रसाद मोहपात्रा ने कहा कि भारत को विनिर्माण क्षेत्र में अपना सही स्थान फिर लेना चाहिए। उन्होंने चीन के संदर्भ में कहा कि सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया ने विनिर्माण का अवसर एक खास देश (चीन) के लिए छोड़ दिया।
मोहपात्रा ने कहा कि हमें घरेलू विनिर्माण पर बहूत ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। इसे केवल मजबूत नहीं बनाना है, बल्कि हमारे घरेलू निवेशकों को को भी इस ओर प्रोत्साहित करना है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने निवेश के लिए कुछ ऐसे अग्रणी क्षेत्रों की पहचान की है।’’ इसमें चमड़ा, रत्नाभूषण, सौर, नवीकरणीय ऊर्जा, दवा और कपड़ा शामिल है।
मोहपात्रा ने कहा कि एक कॉरपोरेट या निवेशक को राज्य सरकारों के और केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों के पास जाना पड़ता है। इस व्यवस्था को सरल बनाया जाएगा।
शनिवार को उद्योग मंडल एसोचैम के एक वेबिनार के दौरान उन्होंने यह बात कही।
डीपीआईआईटी वाणिज्य मंत्रालय के तहत काम करता है।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस से अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान से उबारने के लिए सरकार का ध्यान विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने पर है।
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