जरुरी जानकारी | सरकार ने पहली बार शीरे से प्राप्त पोटाश के लिए सब्सिडी तय की

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. केंद्र ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने पोषक तत्व आधारित सब्सिडी के तहत पहली बार शीरे (पीडीएम) से निकाले गये पोटाश के लिए सब्सिडी तय की है। सरकार की इस पहल से खनिज आधारित पोटाश पर देश की निर्भरता कम होने की उम्मीद की जा रही है।

नयी दिल्ली, 14 अक्टूबर केंद्र ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने पोषक तत्व आधारित सब्सिडी के तहत पहली बार शीरे (पीडीएम) से निकाले गये पोटाश के लिए सब्सिडी तय की है। सरकार की इस पहल से खनिज आधारित पोटाश पर देश की निर्भरता कम होने की उम्मीद की जा रही है।

सरकार किसानों को उर्वरक कंपनियों द्वारा 600-800 रुपये में बेचे जाने वाले पीडीएम के 50 किलोग्राम बैग पर 73 रुपये की सब्सिडी देगी।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने अपनी हालिया बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

उर्वरक मंत्रालय के अनुसार, ‘‘उम्मीद है कि केंद्र सरकार पीडीएम पर सब्सिडी के रूप में सालाना 156 करोड़ रुपये (लगभग) खर्च करेगी और 562 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत करेगी।’’

यह चीनी मिलों को उपोत्पाद 'शीरा' बनाने के लिए प्रेरित करेगा, जिससे पोटाश प्राप्त किया जा सकता है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इससे मिलों के राजस्व और गन्ना उत्पादकों की आय में वृद्धि होगी।

बयान में कहा गया है, इसके अलावा, इससे 42 लाख टन से अधिक खनिज आधारित म्यूरेट ऑफ पोटाश (एमओपी) के आयात पर भारत की निर्भरता कम होने की उम्मीद है, जिसकी लागत सालाना लगभग 7,160 करोड़ रुपये है।

पिछले साल तक, सरकार मिट्टी के पोषक तत्वों जैसे नाइट्रोजन (एन), फॉस्फेट (पी), पोटाश (के) और सल्फर (एस) वाले उर्वरकों की 22 किस्मों के लिए पोषण तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) योजना के तहत सब्सिडी तय कर रही थी।

हालांकि, इस साल मई में दो जटिल उर्वरकों को एनबीएस के तहत शामिल किया गया था।

सरकार ने चालू वित्त वर्ष के एक अक्टूबर से 31 मार्च तक फॉस्फेटिक (पी) और पोटासिक (के) उर्वरक की सब्सिडी को बढ़ाया है, जबकि डायमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) पर सब्सिडी में 438 रुपये प्रति बैग विशेष एकमुश्त पैकेज के रूप में वृद्धि की गई।

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