नयी दिल्ली, तीन अगस्त राज्यसभा में मणिपुर के मुद्दे को लेकर जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए केंद्रीय मंत्रियों पीयूष गोयल और प्रह्लाद जोशी ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कुछ अन्य विपक्षी नेताओं से मुलाकात की।
सदन के नेता गोयल और संसदीय कार्य मंत्री जोशी ने विपक्षी नेताओं से ऐसे समय में मुलाकात की, जब विपक्ष के दलों ने सभापति जगदीप धनखड़ द्वारा बुलाई गई बैठक से दूरी बना ली। धनखड़ ने सदन को सुचारू रूप से चलाने पर सहमति बनाने के मकसद से बैठक बुलाई थी।
दूसरी तरफ, उच्च सदन में कांग्रेस के मुख्य सचेतक जयराम रमेश ने कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) के घटक दलों ने गतिरोध खत्म करने के लिए बीच का रास्ता सुझाया है और उम्मीद है कि सरकार इसे स्वीकार करेगी।
हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि विपक्ष ने क्या पेशकश की है।
रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के घटक दलों ने गतिरोध को दूर करने और राज्यसभा में मणिपुर पर निर्बाध तरीके से चर्चा कराने के लिए सदन के नेता (गोयल) को बीच के रास्ते की पेशकश की है। उम्मीद है कि मोदी सरकार इसे स्वीकार कर लेगी।’’
संसद का मानसून सत्र के शुरू होने के बाद से ही विपक्षी सदस्य मणिपुर के मुद्दे पर नियम 267 के तहत चर्चा और प्रधानमंत्री के बयान की मांग कर रहे हैं। इस नियम के तहत कार्यस्थगन का प्रावधान होता है।
राज्यसभा में विपक्षी दलों के मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान की मांग पर अडिग रहने के बीच सभापति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को स्पष्ट कहा कि वह प्रधानमंत्री को सदन में आने का निर्देश नहीं दे सकते।
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