जरुरी जानकारी | वैश्विक संकेतकों, वृहद-आर्थिक आंकड़ों से तय होगी बाजार की दिशाः विश्लेषक
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले सप्ताह में शेयर बाजार वैश्विक रुझान, वृहद-आर्थिक आंकड़ों की घोषणा और विदेशी पूंजी के प्रवाह जैसे घटकों से प्रभावित रह सकते हैं।
नयी दिल्ली, दो अक्टूबर विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले सप्ताह में शेयर बाजार वैश्विक रुझान, वृहद-आर्थिक आंकड़ों की घोषणा और विदेशी पूंजी के प्रवाह जैसे घटकों से प्रभावित रह सकते हैं।
विश्लेषकों ने कहा कि डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में आने वाले उतार-चढ़ाव और कच्चे तेल की कीमत पर भी बाजार की नजरें बनी रहेंगी। इस सप्ताह में दशहरे का त्योहार होने से कारोबारी दिवस भी कम रहेगा।
स्वस्तिका इंवेस्टमेंट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, "तेजी का रुख रखने वाले कारोबारियों को बीते शुक्रवार की तेजी आगे भी जारी रखने के लिए वैश्विक बाजारों से कुछ समर्थन की जरूरत होगी। भू-राजनीतिक तनाव, अमेरिकी अर्थव्यवस्था के कुछ वृहद-आर्थिक आंकड़ों की घोषणा, डॉलर सूचकांक की दिशा और बॉन्ड प्रतिफल जैसे बिंदुओं पर निगाह रहेगी।"
पिछले सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिवस शुक्रवार को शेयर बाजारों ने लगातार सात दिनों से जारी गिरावट के रुख को पलट दिया था। बीएसई का मानक सूचकांक सेंसेक्स एक ही दिन में 1,016.96 अंक यानी 1.80 प्रतिशत जबकि एनएसई का मानक सूचकांक निफ्टी 276.25 अंक यानी 1.64 प्रतिशत चढ़ गया था।
मीणा ने कहा, "बाजार की दिशा तय करने में संस्थागत निवेशकों का रुख अहम भूमिका निभाएगा। दशहरा के अवसर पर बुधवार को बाजार बंद रहने से इस सप्ताह में कारोबारी दिवस भी कम रहेंगे।"
बीते सप्ताह शेयर बाजारों में खासी गिरावट रही। साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स 672 अंक यानी 1.15 प्रतिशत गिर गया जबकि सेंसेक्स में 233 अंक यानी 1.34 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
बाजार की नजर कुछ महत्वपूर्ण वृहद-आर्थिक आंकड़ों पर भी रहेगी। विनिर्माण क्षेत्र के लिए खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) का आंकड़ा भी सोमवार को जारी होने की संभावना है। वहीं सेवा क्षेत्र से जुड़े आंकड़े बृहस्पतिवार को जारी किए जाएंगे।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के उपाध्यक्ष-शोध अजीत मिश्रा ने कहा, "इस सप्ताह से एक नए महीने की शुरुआत हो रही है जिसमें वाहन बिक्री, विनिर्माण पीएमआई और सेवा पीएमआई जैसे अहम आंकड़ों पर ध्यान रहेगा। इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों के रुख और मुद्रा एवं कच्चे तेल की चाल पर भी कारोबारियों की नजरें रहेंगी।"
कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड के सह उपाध्यक्ष (तकनीकी शोध) अमोल अठावले ने कहा कि आगे भी वैश्विक कारक घरेलू बाजार धारणा को प्रभावित करते रहेंगे और किसी भी तरह की नकारात्मक खबर से बाजार में फिर से गिरावट का रुख आने की आशंका रहेगी।
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