जरुरी जानकारी | वैश्विक संकेत, विदेशी कोषों की गतिविधियों से घरेलू बाजार को मिलेगी दिशा: विश्लेषक

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. घरेलू शेयर बाजार में इस सप्ताह कारोबार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। इसकी वजह घरेलू स्तर पर ठोस संकेत के अभाव होना है और निवेशकों की नजर अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजे समेत वैश्विक गतिविधियों पर होगी। इस समय वैश्विक रुख बाजार को दिशा दे रहा है। बाजार विश्लेषकों ने यह कहा।

नयी दिल्ली, 19 मार्च घरेलू शेयर बाजार में इस सप्ताह कारोबार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। इसकी वजह घरेलू स्तर पर ठोस संकेत के अभाव होना है और निवेशकों की नजर अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजे समेत वैश्विक गतिविधियों पर होगी। इस समय वैश्विक रुख बाजार को दिशा दे रहा है। बाजार विश्लेषकों ने यह कहा।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा कारोबारियों की निगाह एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशकों) गतिविधियों, रुपये में उतार-चढ़ाव और तेल कीमतों पर भी होगी।

पिछले सप्ताह मानक सूचकांकों...सेंसेक्स और निफ्टी...में करीब दो प्रतिशत की गिरावट आई। हालांकि बाजार में अंतिम दो कारोबारी दिवस बढ़त के बावजूद यह गिरावट आई। गिरावट का कारण मुख्य रूप से वित्तीय, सूचना प्रौद्योगिकी, वाहन और बैंक शेयरों में बिकवाली है। अमेरिका में बैंक संकट बढ़ने की आशंका से निवेशक सतर्क रुख अपनाये हुए हैं।

विश्लेषकों के अनुसार अमेरिका में बैंकों में संकट अभी केंद्र में है। इससे निवेशक चिंतित हैं। इसके अलावा, विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी जारी रहने से भी चिंता है।

रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. में उपाध्यक्ष (तकनीकी शोध) अजीत मिश्रा ने कहा, ‘‘किसी प्रमुख घरेलू घटनाक्रम के अभाव में, अब निवेशकों का ध्यान फेडरल ओपेन मार्केट केमेटी (एफओएमसी) की 21-22 मार्च को होने वाली बैठक पर होगी। इसके अलावा, कच्चे तेल के दाम में उतार-चढ़ाव और विदेशी कोषों के पूंजी प्रवाह के रुख से भी बाजार को दिशा मिलेगी’’

कारोबारियों को उम्मीद है कि अमेरिकी फेडरल ओपेन मार्केट कमेटी नीतिगत दर में अपेक्षाकृत कम 0.25 प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है या फिर उसे मौजूदा स्तर पर बरकरार रख सकता है। इसका कारण अमेरिका में महंगाई दर फरवरी में घटकर छह प्रतिशत पर आ गयी जो एक महीने पहले 6.4 प्रतिशत थी। साथ ही अर्थव्यवस्था बैंकों में संकट से जूझ रहा है।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘अमेरिका में मुद्रास्फीति कम होने से भरोसा जगा है कि फेडरल रिजर्व आक्रामक रूप से नीतिगत दर नहीं बढ़ाएगा और मार्च बैठक में यथास्थिति भी बरकरार रख सकता है।’’

नायर ने कहा कि यूरोपीय सेंट्रल बैंक के नीतिगत दर में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि से अब सबकी नजर अमेरिकी फेडरल रिजर्व तथा बैंक ऑफ इंग्लैंड पर है। नीतिगत दर को लेकर दोनों केंद्रीय बैंक अगले सप्ताह बैठक होगी।

स्वास्तिका इनवेस्टमार्ट लि. के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक प्रवेश गौर ने कहा कि अमेरिका में सिलिकॉन वैली बैंक और न्यूयार्क के सिग्नेचन बैंक में संकट से निवेशकों का भरोसा डगमगाया है।

उन्होंने कहा कि वैश्विक बाजारों में लगातार नकारात्मक संकेतों से निवेशक डॉलर और सोना जैसे सुरक्षित माने जाने वाले निवेश उत्पादों में पैसा लगा रहे हैं। वहीं एफआईआई घरेलू रुपये की विनिमय दर में गिरावट को देखते हुए घरेलू बाजार से निवेश निकाल रहे हैं।

शुक्रवार को विदेशी संस्थागत निवेशक शुद्ध बिकवाल रहे और और उन्होंने 1,766.53 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। वहीं घरेलू संस्थागत निवेशक शुद्ध लिवाल रहे। उन्होंने 1,817.14 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे।

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